कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने अपने बागी विधायक और मुरशिदाबाद जिले के प्रमुख नेता हुमायूं कबीर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पार्टी ने उन पर सीधा आरोप लगाया है कि वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इशारे पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की सुनियोजित कोशिश कर रहे हैं.
वरिष्ठ मंत्री और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर फिरहाद हाकिम ने गुरुवार को मीडिया को बताया, “हमने हुमायूं कबीर को तीन बार लिखित चेतावनी दी थी. हर बार कहा था कि पार्टी लाइन से हटकर कोई बयानबाजी या गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन वे नहीं माने. अब पार्टी ने फैसला कर लिया है कि उनका तृणमूल कांग्रेस से कोई रिश्ता नहीं रहेगा.”
टीएमसी के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हुमायूं कबीर पिछले कई महीनों से जिस तरह के बयान दे रहे हैं और जिन गतिविधियों में शामिल हैं, उसका एकमात्र मकसद पश्चिम बंगाल के सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना है. पार्टी का दावा है कि ये सभी कदम बीजेपी के साथ उनकी गुप्त सांठगांठ का हिस्सा हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हुमायूं कबीर ने हाल के दिनों में कई ऐसे बयान दिए जो धार्मिक आधार पर समाज को बांटने वाले थे. मुरशिदाबाद और आसपास के इलाकों में उनकी सक्रियता को लेकर टीएमसी नेतृत्व पहले से ही नाराज था. 2021 विधानसभा चुनाव में रेजीनगर सीट से टीएमसी के टिकट पर जीते कबीर बाद में पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलने लगे थे.
हुमायूं कबीर पश्चिम बंगाल के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से टीएमसी के विधायक और पूर्व मंत्री हैं. हुमायूं ने पिछले कुछ दिनों से भड़काऊ बयान दे रहे हैं. उन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में 'बाबरी मस्जिद' के निर्माण की आधारशिला रखने का ऐलान किया है.