दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की इंसुलिन को लेकर बवाल जारी है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली के LG को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपनी गिरफ्तारी से कई महीनों पहले इंसुलिन लेना छोड़ दिया था और वह डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए केवल एंटी-डायबिटीज दवाइयां ले रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल शुगर को कंट्रोल करने के लिए मेटफोर्मिल नाम की दवा का सेवन कर रहे थे.
अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन स्पेशलिस्ट द्वारा 10 और 15 अप्रैल को केजरीवाल के स्वास्थ्य की समीक्षा की गई थी जिसमें उन्होंने केजरीवाल को न तो इंसुलिन लेने की सलाह दी थी और न ही इंसुलिन की आवश्यकता का संकेत दिया था.
रिपोर्ट में कहा गया कि केजरीवाल ने डॉक्टरों से कहा था कि वह पिछले कुछ सालों से इंसुलिन ले रहे थे और कुछ महीनों पहले उन्होंने इंसुलिन लेना बंद कर दिया था और डॉक्टरों ने उन्हें एंटी-डायबिटीज दवा लेने की सलाह दी थी इसलिए यह कहना गलत होगा कि जेल में केजरीवाल को इंसुलिन नहीं लेने दी जा रही थी.
केजरीवाल को इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं
बता दें कि केजरीवाल के स्वास्थ्य की जांच की गई, जांच के बाद हेल्थ स्पेशलिस्ट ने कहा कि केजरीवाल के खून में शुगर का स्तर चिंताजनक नहीं है और उन्हें अभी इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं है.
जेल में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उपलब्ध
तिहाड़ प्रशासन ने AIIMS को एक पत्र लिखकर केजरीवाल के लिए एक डाइट चार्ट की मांग करते हुए कहा कि केजरीवाल जेल में लड्डू, केला, आम, फ्रूट चाट, तला हुआ खाना, नमकीन, भुजिया, मीठी चाय, पूड़ी सब्जी, अचार और अन्य कोलस्ट्रॉल बढ़ाने और शुगर बढ़ाने वाली चीजों का सेवन कर रहे थे. जेल प्रशासन ने कहा कि अगर केजरीवाल को इंसुलिन की जरूरत पड़ती है तो जेल की डिस्पेंसरी में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उपलब्ध है. एम्स के डॉक्टरों ने केजरीवाल को एक दिन में अधिकतम 20 एमएल तेल वाला खाना लेने की सलाह दी है.