इतनी भीड़ की सांस लेना हो गया मुश्किल, तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में 39 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?
तमिलनाडु के नमक्कल में एक्टर और नेता विजय की रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. इस दर्दनाक हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. रैली में भीड़ इतनी अधिक हो गई थी कि लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा था.
Vijay rally stampede: तमिल सुपरस्टार से नेता बने विजय की रैलियां हमेशा बड़ी भीड़ खींचती रही हैं, लेकिन शनिवार को नमक्कल में हुई रैली एक भयावह त्रासदी में बदल गई.
मंच से भाषण देते वक्त विजय ने अचानक बोलना बंद कर दिया क्योंकि नीचे लोग बेहोश होकर गिरने लगे थे. कुछ ही मिनटों में अफरा-तफरी इतनी बढ़ गई कि भगदड़ मच गई और 39 लोगों की जान चली गई.
सांस लेने तक की जगह नहीं थी
जानकारी के अनुसार विजय की रैली में भीड़ का आलम ऐसा था कि लोगों को खड़े रहने तक की जगह नहीं बची थी. चारों तरफ से धक्का-मुक्की हो रही थी और बीच में फंसे लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया था. इस घुटन भरे माहौल में कई लोग अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर गए. देखते ही देखते वहां चीख-पुकार मच गई.
विजय ने बीच में छोड़ा भाषण
जैसे ही मंच से विजय ने देखा कि कई लोग बेहोश हो रहे हैं, उन्होंने तत्काल अपना भाषण रोक दिया. उन्होंने माइक से ही भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील की और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों को तुरंत मदद पहुंचाएं. विजय खुद भी घबराए और मंच छोड़कर बाहर निकल गए. उनकी पार्टी तमिलगा वेट्री कज़गम के कार्यकर्ता घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाने में जुट गए.
बच्चों समेत कई परिवार चपेट में
हादसे की सबसे दर्दनाक तस्वीर यह रही कि मरने वालों में कई छोटे बच्चे और परिवार शामिल थे, जो अपने परिजनों के साथ रैली में आए थे. स्वास्थ्य मंत्री एम ए सुब्रमण्यम ने पुष्टि की कि मरने वालों की संख्या 39 है और घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक, कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है.
सवालों के घेरे में सुरक्षा इंतजाम
इतनी बड़ी रैली में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं. प्रशासन और आयोजकों को अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे. नतीजा यह हुआ कि हालात काबू से बाहर हो गए और त्रासदी घट गई. लोगों का कहना है कि अगर पहले से पर्याप्त इंतजाम किए गए होते, तो इतनी बड़ी जानें नहीं जातीं. अब सरकार पर दबाव है कि वह जिम्मेदारों की पहचान कर कार्रवाई करे.