शादीशुदा महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स, प्रेमी पर लगाया रेप का आरोप, SC ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोपी की अग्रिम जमानत बरकरार रखी. साथ ही महिला को भी नसीहत दी कि उसने अपने पति के अलावा किसी और के साथ संबंध बनाकर अपराध किया है और इस वजह से भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

Pinterest
Princy Sharma

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐसे व्यक्ति की अग्रिम जमानत को बरकरार रखा, जिस पर शादी का झांसा देकर एक महिला से दुष्कर्म का आरोप था. लेकिन कोर्ट ने महिला को भी नसीहत देते हुए कहा कि उसने विवाह के दौरान अपने पति के अलावा किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपराध किया है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि वह इस वजह से भी कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकती है.

जस्टिस एम एम सुंद्रेश और एन कोतिस्वर सिंह की पीठ ने उस महिला की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसने आरोपी की अग्रिम जमानत (anticipatory bail) रद्द करने की मांग की थी. महिला के वकील ने कहा कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन कोर्ट ने महिला से पूछा, 'आप शादीशुदा हैं और आपके दो बच्चे हैं. आप समझदार हैं, फिर आपने विवाहेतर संबंध क्यों बनाए?' 

वकील ने बताया कि आरोपी ने कई बार महिला को होटल बुलाकर संबंध बनाए. इस पर कोर्ट ने कहा, 'आप बार-बार उसके बुलावे पर होटल क्यों गईं? आपको पता होना चाहिए कि आपने भी शादी के दौरान किसी और के साथ संबंध बनाकर अपराध किया है.'

महिला और आरोपी की पहली मुलाकात 2016 में सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. दोनों का रिश्ता बना और आरोपी के दबाव में महिला ने अपने पति से तलाक ले लिया, जो मार्च 2025 में कोर्ट ने मंजूर कर दिया. तलाक के बाद महिला ने आरोपी से शादी करने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया. इसके बाद महिला ने बिहार पुलिस में आरोप दर्ज कराया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसे शारीरिक शोषण किया.

पटना HC ने पहले ही आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी थी क्योंकि महिला के तलाक के बाद दोनों के बीच कोई शारीरिक संबंध नहीं पाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही फैसला बरकरार रखा है. यह मामला विवाहेतर संबंधों और धोखे के बीच उलझा हुआ विवाद बन गया है, जिसमें दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप सामने आए हैं. कोर्ट ने साफ कहा कि विवाह के दौरान बाहरी संबंध कानूनन अपराध हैं और इसके लिए भी कार्रवाई हो सकती है.