नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर नेता और सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की एक मजबूत पोस्ट को रीशेयर करके नई राजनीतिक चर्चा शुरू कर दी है. इस पोस्ट में MGNREGA योजना में बदलावों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की गई है. यह कदम शशि थरूर के उस सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन करने के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें उनकी तुलना राहुल गांधी से की गई थी और कांग्रेस की आलोचना की गई थी, जिससे पार्टी के अंदर बेचैनी पैदा हो गई थी.
राहुल गांधी की आलोचना को उजागर करने के शशि थरूर के फैसले को बड़े पैमाने पर एक राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. हाल के महीनों में, उन्हें कुछ मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने और पार्टी के आधिकारिक रुख से अलग राय रखने के लिए कांग्रेस के अंदर से बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ा है. कुछ पार्टी नेताओं ने बीजेपी से उनकी नजदीकी और उनके सार्वजनिक बयानों पर भी सवाल उठाए हैं.
The #MGNREGA scheme has been one of India’s great development success stories and provides the only social safety net for our rural poor. Demolishing it is a retrograde step that must be reversed. https://t.co/9LG0LRXwFA
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 19, 2025
शुक्रवार को, शशि थरूर ने राहुल गांधी की उस पोस्ट को रीशेयर किया, जिसमें सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में नुकसान पहुंचाने वाले बदलाव करने का आरोप लगाया गया था. रीपोस्ट के साथ, शशि थरूर ने लिखा कि MGNREGA भारत के सबसे सफल विकास कार्यक्रमों में से एक रहा है और ग्रामीण इलाकों में लाखों गरीब लोगों के लिए एकमात्र सामाजिक सुरक्षा कवच का काम करता है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस योजना को कमजोर करना या खत्म करना एक पिछड़ा कदम होगा और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
शशि थरूर द्वारा शेयर की गई पोस्ट में, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक ही कदम में MGNREGA के बीस साल के काम को 'खत्म' करने का आरोप लगाया. राहुल ने दावा किया कि VB–G RAM G नाम की नई प्रणाली कोई सुधार नहीं है, बल्कि यह योजना के अधिकार-आधारित और मांग-संचालित स्वरूप से पूरी तरह से अलग है. उनके अनुसार, ये बदलाव MGNREGA को एक सीमित और केंद्र द्वारा नियंत्रित कार्यक्रम में बदल देते हैं, जिससे राज्यों, गांवों और श्रमिकों की शक्ति कम हो जाती है.
राहुल गांधी ने समझाया कि MGNREGA ने ग्रामीण श्रमिकों को गारंटीशुदा काम देकर मोलभाव करने की शक्ति दी. इससे शोषण, मजबूरी में पलायन और गरीबी कम करने में मदद मिली, साथ ही मजदूरी और काम करने की स्थितियों में सुधार हुआ. उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जब इसने लाखों लोगों को नौकरी छूटने और आर्थिक मंदी से बचने में मदद की.
उन्होंने आगे बताया कि इन बदलावों से महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मजदूर और गरीब OBC समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. राहुल ने बिना ठीक से बहस किए कानून पास करने के लिए सरकार की आलोचना भी की और विपक्ष की इसे डिटेल से जांच के लिए स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग को खारिज कर दिया.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शशि थरूर का पोस्ट को दोबारा शेयर करना कांग्रेस लीडरशिप को पार्टी की विचारधारा के प्रति अपनी कमिटमेंट का भरोसा दिलाने की एक कोशिश है. साथ ही, यह उन्हें एक आजाद सोच वाले व्यक्ति के तौर पर अपनी इमेज बनाए रखने में भी मदद करता है. यह देखना बाकी है कि यह कदम कांग्रेस के अंदर तनाव कम करेगा या और बहस बढ़ाएगा, लेकिन इसने निश्चित रूप से थरूर की नाजुक राजनीतिक स्थिति की ओर ध्यान खींचा है.