PM मोदी अमेरिका में होने वाले UN सत्र में नहीं होंगे शामिल, टैरिफ वॉर या कुछ और है वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में शामिल नहीं होंगे. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच रूस से तेल खरीदने को लेकर शुल्क विवाद बढ़ गया है. संभावना है कि भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर महासभा में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.
PM Modi Skip UN session: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में इस बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे. यह सत्र 23 से 29 सितंबर तक न्यूयॉर्क में आयोजित होना है. हर साल होने वाले इस उच्च स्तरीय महासत्र में विश्व के प्रमुख नेता भाग लेते हैं और अपने विचार रखते हैं. इस बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गई अस्थायी सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम शामिल था, लेकिन अब खबर है कि पीएम मोदी इस सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे.
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत और अमेरिका के बीच शुल्क यानी टैरिफ विवाद ने नया मोड़ ले लिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाने का ऐलान किया था. यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से भारत द्वारा किए जा रहे ऊर्जा आयात को लेकर वाशिंगटन ने कड़ा रुख अपनाया है. इसी को लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और व्यापारिक तनाव बढ़ गया है.
पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर सवाल
संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र वैश्विक राजनीति का अहम मंच माना जाता है. परंपरा के अनुसार ब्राजील का प्रतिनिधि सबसे पहले भाषण देता है और उसके बाद अमेरिका का नेता सभा को संबोधित करता है. इस बार भी यही परंपरा जारी रहेगी, लेकिन पीएम मोदी की अनुपस्थिति भारत की भागीदारी को लेकर सवाल खड़े कर रही है.
विश्व समुदाय के बीच भारत की भूमिका
भारत ने हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र के मंच का उपयोग अपनी विदेश नीति, वैश्विक शांति और विकास पर विचार रखने के लिए किया है. प्रधानमंत्री मोदी खुद कई बार महासभा में भाषण दे चुके हैं और विश्व समुदाय के बीच भारत की भूमिका को मजबूत करने का प्रयास किया है. ऐसे में इस बार उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गई है.
कौन करेगा भारत का प्रतिनिधित्व?
कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से अब यह तय किया जा रहा है कि महासभा में कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. संभावना है कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भारत की ओर से भाषण दें और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति स्पष्ट करें. फिलहाल अमेरिका और भारत के बीच बढ़े व्यापारिक तनाव और प्रधानमंत्री मोदी का यूएन महासभा में न जाना, दोनों देशों के रिश्तों में नई चुनौतियों की ओर संकेत करते हैं. हालांकि, आधिकारिक स्तर पर भारत सरकार ने इस फैसले की कोई विस्तृत वजह नहीं बताई है.
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