Lok Sabha Elections 2024 Narendra Modi

जयराम रमेश के बयान पर प्रहलाद जोशी ने किया पलटवार, बोला- 'कर रहे झूठा दावा, विरोधाभासी लोगों की एक लॉबी'

Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र बुलाने के मुद्दे को लेकर जयराम नरेश और प्रह्लाद जोशी ट्विटर के जरिए आमने-सामने आ गए है.

Avinash Kumar Singh
LIVETV

नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र को लेकर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है. बीते दिनों सोनिया गांधी ने सरकार को पत्र लिखकर जनहित के मद्दों पर चर्चा की मांग की थी. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी की ओर से विशेष सत्र को लेकर बिना किसी बात का मुद्दा बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने संविधान के प्रावधानों के मुताबिक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. अब इस मुद्दे को लेकर जयराम नरेश और प्रह्लाद जोशी ट्विटर के जरिए आमने-सामने आ गए है. 

जयराम नरेश और प्रह्लाद जोशी के ट्विटर वार

प्रह्लाद जोशी के जवाब में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "कितना भरमाओगे जोशी? विशेष सत्र/बैठक के हर अवसर पर एजेंडा पहले से ही मालूम होता था. यह केवल मोदी सरकार है जो नियमित रूप से संसद का अपमान करती है और संसदीय परंपराओं को विकृत करती है. पिछली सरकारों के साथ-साथ आपकी सरकार ने भी संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे अन्य अवसरों को मनाने के लिए कई विशेष बैठकें बुलाई हैं" कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद के विशेष सत्र का दावा करते हुए एक सूची साझा की. जिसमें कई तारीखों के साथ संसद के विशेष सत्र के आयोजन की जानकारी लिखी थी.

जयराम रमेश की टिप्पणी का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “एक बाध्यकारी विरोधाभासी शायद संदेह का स्वामी हो सकता है, लेकिन वे अक्सर सत्य पर आधारित निश्चितता की सुंदरता को चूक जाते हैं. दूसरा लोकतंत्र में संसद को बुलाना सबसे बड़ा वरदान है. हालाँकि बाध्यकारी विरोधाभासी लोगों की एक लॉबी है जो इसका विरोध करती है”

संसद का विशेष सत्र बुलाने के पीछे सरकार की क्या है मंशा

संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है. इसमें पांच बैठकें होंगी. अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले संसद के इस विशेष सत्र को लेकर सरकार के मन में क्या है अभी यह साफ नहीं हुआ है. विशेष सत्र बुलाने के पीछे केंद्र सरकार का क्या एजेंडा है इस पर अभी सस्पेंस लगातार बरकरार है. इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसे लेकर सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में जुटी हुई हैं. ऐसे में सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने का फैसले को लेकर तमाम तरह का कयास लगाया जा रहा है.

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