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महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए बन रहे भोजन-पानी में मिट्टी डाल रही पुलिस, अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर कर लगाए आरोप

अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि रास्ते में फंसे लोगों को मदद नहीं करने दिया जा रहा है और इसपर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे है उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाल दी जा रही है.

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Gyanendra Sharma

बुधवार को हुए भयावह भगदड़ के बाद प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए हैं. इस हादसे के कारण मेले में आने-जाने की व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति को बेहतर बनाया जा सके. घटनास्थल पर सुरक्षा की स्थिति को संभालने के लिए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि अब यहां किसी भी प्रकार की गाड़ी की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही प्रयागराज शहर में गाड़ियों की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है. इस बीच अखिलेश यादव ने बड़ा आरोप लगाया है.

अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि रास्ते में फंसे लोगों को मदद नहीं करने दिया जा रहा है और इसपर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे है उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाल दी जा रही है. 

हादसे के बाद बदले गए नियम

प्रशासन भगदड़ के बाद कई सख्त कमद उठाए हैं. भीड़ की आवाजाही पर नियंत्रण लगाने के लिए विभिन्न मार्गों को निर्धारित किया गया है. इन रास्तों के माध्यम से ही श्रद्धालु मेला क्षेत्र तक पहुंच सकेंगे और भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सकेगा. इस हादसे के बाद, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसके लिए एक जांच आयोग का गठन किया गया है और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था कि प्रशासन इस हादसे की पूरी गहन जांच करेगा और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पीड़ितों से मिलने नहीं जाएंगे, क्योंकि अगर वह ऐसा करते हैं तो भाजपा उन पर राजनीति करने का आरोप लगाएगी. उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया.