ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह कार्रवाई एक छात्रा द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर कार्रवाई न होने के विरोध में आत्मदाह की कोशिश के बाद हुई. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना शनिवार को हुई और पूरे ओडिशा में आक्रोश फैल गया.
जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही छात्रा
बता दें कि कॉलेज की बीएड प्रोग्राम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए खुद को आग लगा ली थी. वह छात्रा वर्तमान में भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. दिलीप परिदा ने बताया, “रोगी की हालत निश्चित रूप से गंभीर है, लेकिन स्थिर है. हम इसे स्थिर इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति शनिवार शाम को अस्पताल में भर्ती होने के समय जैसी ही है. हालांकि, उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ है. अगले 72 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं.”
95 प्रतिशत जला शरीर
छात्रा के पिता ने कहा, “मैं अपनी बेटी को एम्स में देखकर पहचान नहीं सका. उसका पूरा शरीर पट्टियों से ढका है. डॉक्टरों ने बताया कि रात को डायलिसिस की गई थी. 95 प्रतिशत शरीर जल गया है.”
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को छात्रा से मुलाकात की और कहा, “छात्रा की हालत गंभीर है. उसे दिल्ली एम्स के समकक्ष उपचार दिया जा रहा है. एक मेडिकल टीम बनाई गई है. स्थिति स्थिर होने पर सरकार उसे बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करने पर विचार करेगी.” राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है.
गवर्नर और विशेषज्ञों की मदद
ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कम्भमपति ने एम्स भुवनेश्वर के निदेशक से बात कर छात्रा की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की एक टीम उपचार में सहायता कर रही है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं भगवान जगन्नाथ से उनकी शीघ्र स्वस्थ होने और आंतरिक शक्ति की प्रार्थना करता हूं, और आशा करता हूं कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएं.”