'भारत के लिए समर्थन और विकास की दोहरी खुराक...,' GST सुधारों पर बोले PM मोदी
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद, सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने को मंज़ूरी दे दी है और 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की कर दरों को समाप्त कर दिया है. नई कर दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी.
केंद्र सरकार द्वारा "जीएसटी 2.0" के तहत दो-स्तरीय कर संरचना लागू करने के एक दिन बाद, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सुधारों को भारत के लिए विकास और समर्थन की दोहरी खुराक बताया. उन्होंने यूपीए सरकार (2004-2014) के कर ढांचे पर भी तीखा हमला बोला. बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उपभोक्ता आवश्यकताओं, दवाओं और ऑटोमोबाइल्स पर करों में व्यापक कटौती की घोषणा की, साथ ही लक्जरी और सिन गुड्स के लिए 40% की विशेष उच्च कर स्लैब शुरू की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद सरकार ने कर दरों को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दी, जिसमें 12% और 28% स्लैब को खत्म कर दिया गया. नई संरचना 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगी, जिसमें 5% और 18% की दो-स्तरीय दरें होंगी, साथ ही सिन और लक्जरी सामान के लिए 40% की नई स्लैब होगी. हालांकि, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट पर 28% जीएसटी और मुआवजा उपकर तब तक लागू रहेगा, जब तक लोन चुकता नहीं हो जाता.
जीएसटी परिषद का ऐतिहासिक फैसला
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “मीडिया ने इन सुधारों को जीएसटी 2.0 का नाम दिया है, लेकिन मैं इसे विकास और समर्थन की दोहरी खुराक कहता हूं. यह एक ओर आम परिवारों के लिए बचत लाएगा, और दूसरी ओर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा.” उन्होंने आगे कहा, “जीएसटी सुधार गरीब, नव मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग, किसान, महिलाएं, छात्र और युवा सभी को लाभ पहुंचाएंगे. टैक्स में कटौती से पनीर से लेकर शैंपू और साबुन तक, सब कुछ अब बहुत सस्ता होगा.”
उपभोक्ताओं को राहत, 175 वस्तुओं पर टैक्स कम
नई संरचना के तहत 175 उपभोक्ता वस्तुएं, जैसे दूध, पनीर, स्नैक्स और ब्रेड, सस्ती होंगी. हेयर ऑयल, टॉयलेट साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टेबलवेयर और किचनवेयर अब 5% कर स्लैब में आएंगे. यूएचटी दूध, पनीर, छेना और सभी तरह की भारतीय ब्रेड पर कर 5% से शून्य हो गया है. चश्मों पर अब 5% कर लगेगा. इसके अलावा, 33 जीवन रक्षक दवाएं और औषधियां 12% से शून्य कर स्लैब में आ गई हैं.
लगभग 90% वस्तुएं, जो पहले 28% कर स्लैब में थीं, अब 18% में आएंगी. इसमें एयर-कंडीशनिंग मशीनें, 32 इंच से बड़े टेलीविजन, डिशवॉशिंग मशीनें, सीमेंट, और 300 सीसी से कम की छोटी कारें और मोटरसाइकिल शामिल हैं. छोटी कारें (350 सीसी तक), बसें, ट्रक, एम्बुलेंस और ऑटो पार्ट्स भी 18% स्लैब में आएंगे.
अर्थव्यवस्था को मिला ‘पंचरत्न’ का लाभ
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधारों को अर्थव्यवस्था के लिए ‘पंचरत्न’ करार देते हुए कहा, “यह सुधार टैक्स सिस्टम को सरल बनाएंगे, लोगों का जीवन स्तर बढ़ाएंगे, उपभोग और विकास को गति देंगे, साथ ही कारोबार करने की आसानी से निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, और सहकारी संघवाद विकसित भारत के लिए मजबूत होगा.”
मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “2014 से पहले कर सुधारों पर चर्चा तो हुई, लेकिन वास्तविक काम कभी नहीं हुआ. स्वतंत्रता के बाद देश कई प्रकार के टैक्सों के चंगुल में था, और टैक्स व्यवस्था में सुधार की जरूरत थी. हमने 2017 में यह काम किया.”
एक्सपर्टस ने दी चेतावनी
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन व्यापक कर कटौतियों से केंद्र और राज्यों की राजस्व स्थिति पर असर पड़ सकता है, जब तक कि उपकर संग्रह या बेहतर अनुपालन से इसकी भरपाई न हो. फिर भी, जीएसटी 2.0 रोजमर्रा की जरूरतों को सस्ता बनाने और लक्जरी वस्तुओं पर उच्च कर लगाकर उपभोक्ता-अनुकूल व्यवस्था का वादा करता है.
बुधवार को, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर नई कर व्यवस्था का स्वागत करते हुए इसे अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की दिशा में एक कदम बताया. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं, जिसने केंद्र के प्रस्तावों पर सामूहिक सहमति जताई है.