BRICS Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट 2025 में शामिल होने के लिए रविवार को ब्राजील पहुंचे. यह दौरा उनके पांच देशों की विदेश यात्रा का चौथा चरण है. इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और अर्जेंटीना की यात्रा पूरी कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि वे अर्जेंटीना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. ब्राजील के बाद पीएम मोदी नामीबिया की ओर रवाना होंगे, जो उनके अब तक के सबसे लंबे विदेशी दौरों में शामिल है. इस बार ब्रिक्स सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं हो रहे हैं. इन दोनों दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति के बावजूद सम्मेलन का एजेंडा काफी अहम और व्यापक है.
प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है कि ब्रिक्स देश आतंकवाद के मुद्दे पर स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाएं. उम्मीद की जा रही है कि रियो में होने वाला ब्रिक्स डिक्लरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करेगा. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे. भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओजेके में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया गया.
ब्रिक्स समिट में जलवायु वित्त पर सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में साझेदारी और स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता को दूर करने के लिए एक नई पहल पर भी चर्चा होगी. इन मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है.
भारत इस मंच पर व्यापार को अमेरिकी डॉलर की बजाय राष्ट्रीय मुद्राओं में तय करने की नीति को आगे बढ़ाने का पक्षधर है. इससे वैश्विक दक्षिण देशों की डॉलर पर निर्भरता में कमी लाई जा सकती है.
ब्रिक्स देशों की बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों पर भी आपत्ति जताई जा सकती है. एक ड्राफ्ट डिक्लरेशन के अनुसार, 'हम एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जो व्यापार को विकृत करते हैं और WTO नियमों के खिलाफ हैं.'
AFP द्वारा प्राप्त मसौदे में यह भी कहा गया है कि इस तरह के उपाय 'वैश्विक व्यापार को और कम करने की धमकी देते हैं' और 'वैश्विक आर्थिक विकास की संभावनाओं को प्रभावित कर रहे हैं.'