PM Modi Tour: PM मोदी 5 देशों के दौरे पर रवाना, घाना होगा पहला पड़ाव; BRICS सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 दिवसीय राजनयिक दौरे पर अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के 5 देशों घाना, त्रिनिदाद, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर आज रवाना हुए. इस दौरे का उद्देश्य व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
PM Modi Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र के पांच देशों के 8 दिवसीय राजनयिक दौरे पर रवाना हो गए हैं. यह दौरा 2 जुलाई से 9 जुलाई तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य भारत के "वैश्विक दक्षिण" के साथ संबंधों को और मजबूत करना है. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा करेंगे.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस दौरे को भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासतौर पर ऐसे समय में जब वैश्विक दक्षिण के देशों की भूमिका वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ रही है. भारत, जो स्वयं को वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में प्रस्तुत करता रहा है, अब इन देशों के साथ रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
यात्रा का मुख्य फोकस
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस यात्रा का मुख्य फोकस व्यापार, ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और बहुपक्षीय संस्थाओं में सहयोग बढ़ाने पर होगा. साथ ही, इस दौरे के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है, जिनसे इन देशों के साथ आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को मजबूती मिलेगी.
सांस्कृतिक जुड़ाव का अवसर
घाना और नामीबिया के साथ भारत के लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, और मोदी की यह यात्रा अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की बढ़ती भूमिका को और गति देने वाली मानी जा रही है. दूसरी ओर, त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है, जिससे इस दौरे को एक सांस्कृतिक जुड़ाव का अवसर भी माना जा रहा है.
विज्ञान के क्षेत्रों में अपार संभावनाएं
लैटिन अमेरिका के दो प्रमुख देश अर्जेंटीना और ब्राजील, जहां ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और विज्ञान के क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं, भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं. यह दौरा न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूती देगा बल्कि भारत के वैश्विक नेतृत्व की छवि को भी मजबूत करेगा.