Rahul Gandhi: 'मन नहीं मनरेगा की बात करें पीएम मोदी', राहुल गांधी ने श्रमिकों की ‘पीड़ा’ पर लिखा लेटर

Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित श्रमिकों की ‘पीड़ा’ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

Imran Khan claims

Rahul Gandhi: राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं. इस बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित श्रमिकों की पीड़ा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में पीएम से लंबित मजदूरी के भुगतान जारी करने का आग्रह किया है. 

MGREGS श्रमिकों के लिए रखी मांग

राहुल गांधी ने पीएम से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि लंबित मजदूरी के भुगतान के लिए केंद्रीय धनराशि जारी की जाए. पत्र में लिखा है, “मैं आपको पश्चिम बंगाल में MGREGS श्रमिकों की दुर्दशा और न्याय के लिए उनकी निरंतर लड़ाई के बारे में लिख रहा हूं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत जब हाल ही में वह पश्चिम बंगाल गए थे तो  पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति नामक संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मनरेगा श्रमिकों की समस्याओं के बारे में उन्हें अवगत कराया था. 

'2021 में बहुत सारे श्रमिकों नहीं मिला भुगतान'

राहुल गांधी ने दावा किया कि मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल को केंद्रीय धन की रोक के कारण हमारे लाखों भाइयों और बहनों को एमजीएनआरईजीएस के तहत काम और मजदूरी से वंचित कर दिया गया है.  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि धन की कमी के कारण 2021 में बहुत सारे श्रमिकों को उनके काम के बदले में भुगतान नहीं किया गया है. 

'मनरेगा में काम करने वाले परिवारों की संख्या घटी'

राहुल ने लिखे पत्र में कहा, “मुझे बताया गया कि धन की कमी के कारण 2021 में बहुत सारे श्रमिकों को उनके काम के बदले में भुगतान नहीं किया गया है.” राहुल गांधी ने दावा किया कि 2021-22 में मनरेगा के तहत काम का लाभ उठाने वाले परिवारों की संख्या 75 लाख थी जो 2023-24 में घटकर 8000 हो गई.

 

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