Year Ender 2025 SIR

'उनके गीतों की गूंज सदैव रहेगी', छठ कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर PM मोदी और CM नीतीश समेत इन नेताओं ने जताया शोक

Sharda Sinha Passes Away: भारतीय लोक संगीत की जानी-मानी गायिका शारदा सिन्हा का निधन 72 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स में हो गया. उनके असामयिक निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है. पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है.

Social Media
India Daily Live

Sharda Sinha Passes Away: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक गहरी क्षति है. 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली, जहां बीते कुछ दिनों से उनका इलाज चल रहा था. अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनके निधन से न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है. उनकी गायकी में लोक संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता था, विशेषकर बिहार के छठ महापर्व से जुड़े उनके गीतों ने हर दिल पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनके निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके निधन पर दुख जताया. पीएम मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. 

हाल ही में शारदा सिन्हा के पति बृज किशोर सिन्हा का भी देहांत हुआ था, जिससे वह गहरे सदमे में थीं. पति के जाने का असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा, और लगातार गिरती सेहत ने अंततः उनकी जीवन यात्रा को विराम दे दिया. शारदा सिन्हा का संगीत लोक-संस्कृति का प्रतीक था, जिसे उन्होंने देश-विदेश में अपनी गायकी से जीवित रखा.

पीएम ने जताया शोक

शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया. अपने मार्मिक संदेश में उन्होंने लिखा, "सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!"  

लोक संगीत की अमूल्य धरोहर

लोक संगीत की अमूल्य धरोहर शारदा सिन्हा ने अपने गीतों के माध्यम से बिहारी संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. उनके गीतों में छठ महापर्व की झलक और मैथिली-भोजपुरी लोक संगीत का रस समाहित था. उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय भारतीय लोक संगीत को समर्पित किया और अपने गीतों के जरिए लोक संस्कृति को एक नई पहचान दी. उनका जाना संगीत प्रेमियों के लिए अपूरणीय क्षति है. उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी