P. Chidambaram on Mumbai Attacks: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने एक इंटरव्यू के दौरान यूपीए सरकार के फैसले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि 2008 में मुंबई में हुई आतंकी हमले पर भारत की ओर से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से नहीं की गई.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस इंटरव्यू के दौरान इस बात को माना की वो पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन सरकार ने सैन्य कार्रवाई न कराने का फैसला लिया था. उन्होंने उस समय के हालात के बारे में कई खुलासे किए. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चिदंबरम के इस टिप्पणी के बाद तीखी आलोचना की है. भाजपा की ओर से कहा गया कि अब काफी देर हो चुकी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पी चिदंबरम ने एक चैनल के इंटरव्यू के दौरान कहा कि मुंबई में हुए इस आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया दिल्ली यह कहने आई थी कि युद्ध शुरू ना किया जाए. उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि हमले के बाद तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस मेरे कार्यभार संभालने के लगभग तीन दिन बाद ही मुझसे और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पहुंची थी. उस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को प्रतिक्रिया ना देने की बात कही थी, जिसपर मैंने कहा था कि यह फैसला सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि इस दौरान मेरे मन में बदले की कार्रवाई करने का विचार आया था. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात की याद को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की थी.
चिंदबरम ने अपने आगे की इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पर चर्चा भी की. जिसके बाद विदेश मंत्रालय और आईएफएस से प्रभावित होकर यह फैसला लिया गया कि हमें स्थिति पर शारीरिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. याद दिला दें कि 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई को धमाकों से दहला दिया था. इस पूरे आतंकवादी हमले में 175 लोगं की जान चली गई. हालांकि मुंबई पुलिस ने एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था, जिसे 2012 में फांसी दी गई. हालांकि चिदंबरम द्वारा दी गई इस टिप्पणी के बाद भाजपा नेताओं ने उनपर और यूपीए सरकार पर जमकर हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश पहले से ही जानता था कि विदेशी ताकतों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया था. इस बात को फाइनली पूर्व गृह मंत्री ने भी स्वीकार किया है.