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उपराष्ट्रपति चुनाव में हार को विपक्ष बता रहा अपनी जीत, जयराम रमेश ने दिया ये तर्क

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत हुई है, लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश और विपक्ष ने इस नतीजे को 'नैतिक जीत' करार दिया है. रमेश का कहना है कि इस बार विपक्ष को 40 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि 2022 में सिर्फ 26 फीसदी ही समर्थन मिला था. उनका तर्क है कि भाजपा को भले ही अंकगणितीय सफलता मिली हो, लेकिन राजनीतिक और वैचारिक स्तर पर यह उसकी हार है.

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Kuldeep Sharma

भारत में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम ने सत्तारूढ़ दल को जीत दिलाई, मगर विपक्ष ने इस हार को भी अपनी मजबूती का सबूत बताते हुए नैतिक जीत करार दिया है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पिछले चुनाव के आंकड़ों की तुलना में इस बार बढ़े विपक्षी वोटों को 'इंडिया गठबंधन' के लिए सकारात्मक संदेश बताया है. उन्होंने भाजपा की जीत को 'संख्यात्मक' बताया, जबकि राजनीतिक और वैचारिक स्तर पर इसे हार करार दिया.

एनडीए उम्मीदवार की जीत

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन ने जीत दर्ज कर विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए. कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें से 752 वोट वैध पाए गए. यह परिणाम जहां एनडीए के लिए जीत की पुष्टि करता है, वहीं विपक्ष ने इसे अपनी एकजुटता का प्रदर्शन बताया है.

जयराम रमेश का दावा, नैतिक जीत हमारी

नतीजों के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि विपक्ष ने इस चुनाव में उम्मीद से कहीं ज्यादा मजबूती दिखाई है. उनके मुताबिक 2022 में जहां विपक्ष को सिर्फ 26 फीसदी वोट मिले थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंचा. रमेश का कहना है कि यह विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के लिए नैतिक और राजनीतिक जीत का संकेत है, जबकि भाजपा की जीत केवल अंकगणितीय है.

विपक्ष की एकजुटता पर जोर

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव ने विपक्षी दलों की एकजुटता को साफ तौर पर दिखा दिया है. उनके अनुसार, सभी 315 सांसदों ने मिलकर विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन किया. हालांकि, परिणाम में विपक्ष के पास 300 वोट ही आए, जो उनके दावे से कम रहे. बावजूद इसके, कांग्रेस नेता ने इसे विपक्षी ताकत के उभरते हुए स्वरूप के रूप में पेश किया और कहा कि वैचारिक लड़ाई अभी जारी है.

भाजपा पर राजनीतिक वार

रमेश ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव का परिणाम दिखाता है कि सत्ता पक्ष की जीत सिर्फ आंकड़ों तक सीमित है. उन्होंने इसे 'नैतिक और राजनीतिक हार' बताते हुए दावा किया कि जनता और विपक्ष दोनों ही अब भाजपा की नीतियों को चुनौती दे रहे हैं. उनका कहना है कि विपक्ष अब पहले से ज्यादा मजबूत होकर सामने आ रहा है और आने वाले समय में यह भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनेगा.