एक गलत जवाब और 44 लोग बन गए टॉपर? NEET के रिजल्ट में कहां हुई गड़बड़ी, सब समझ लीजिए

Neet Result 2024: मंगलवार को जारी हुए यूजी नीट-2024 के रिजल्ट को लेकर परीक्षा कराने वाली संस्था एनटीए का जवाब आया है. एनटीए का कहना है कि टॉपर्स की अधिक संख्या होने की प्रमुख वजह NCERT बुक्स में बदलाव का होना है.

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Neet Result 2024: यूजी नीट परीक्षा 2024 के रिजल्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.दरअसल मंगलवार को जारी हुए रिजल्ट में 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए थे. इन सभी स्टूडेंट्स को एयर 1 हासिल हुई थी. विवाद बढ़ने के बाद एनटीए ने अपना जवाब दिया है. नीट कराने वाली संस्था का कहना है कि ऐसा एनसीईआरटी पुस्तकों में बदलाव के कारण हुआ है. एक प्रश्न के दो उत्तर होने के कारण 44 विधार्थियों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए. इसके अलावा कई अभ्यर्थियों को एग्जाम में समय बर्बाद होने के कारण मुआवजे के तौर पर ग्रेस मार्क भी प्रदान किए गए हैं. 

एनसीआरटी बुक्स में चेंज 

नीट एग्जाम में केमिस्ट्री में एटम पर एक प्रश्न पूछा गया था. स्टूडेंट्स को सही आंसर का चयन करने के लिए चार विकल्प प्रदान किए गए थे. इनमें कहा गया था कि प्रश्न के कथन में दो विकल्प दिए गए थे जिनमें सही आंसर का चुनाव करना था.यह विवाद तब बढ़ गया जब एनटीए ने अपने द्वारा जारी की गई प्रोविजनल आंसर की पर आपत्तियां पाईं. एनटीए ने कहा कि दिए गए विकल्पों में से दो को एनसीईआरटी ने अपनी नई और पुरानी बुक्स में सही बताया था. 

इस वजह से बढ़ गए टॉपर्स 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी NCERT बुक्स के अनुसार, सही विकल्प था प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं जबकि नई NCERT बुक्स में कहा गया कि अधिकांश तत्वों के परमाणु स्थिर होते हैं. इसके अलावा एजेंसी ने अधिक टॉप होने की वजह आसान परीक्षा और अभ्यथिर्यों की अधिक संख्या भी बताई. एनटीए के अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को उन सभी अभ्यर्थियों को 5 अंक प्रदान करने थे जिन्होंने दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुना था.इसी वजह से 44 छात्रों के अंक बढ़ गए.इसी वजह से टॉपर्स की संख्या में इजाफा हो गया. 

कुछ प्रमुख कारण यह भी 

नीट यूजी परीक्षा में टॉपरों की अधिक संख्या का एकमात्र कारण यही था? इस प्रश्न के जवाब में एनटीए ने कहा कि इस कारण ने बड़ी भूमिका निभाई. इसके अलावा एक तथ्य यह भी है जिस पर गौर किया जाना जरूरी है कि इस वर्ष का पेपर तुलनात्मक रूप से अन्य वर्षों की तुलना में आसान था. इस बार रिकॉर्ड संख्या में अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था. इस कारण भी टॉपर्स की संख्या में खासा इजाफा हुआ.