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पटना आ जाओ, सेटिंग हो गई है! NEET पर आरोपी ने उगला सच, कहा- मुझे पहले ही मिल गया था पेपर

NEET Paper Leak Case: मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET 2024 में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. अब बिहार पुलिस की जांच के दौरान एक अभ्यर्थी ने स्वीकार कर लिया है कि उसे पेपर पहले से ही मिल गया था. इस दावे के बाद शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान के वे दावे हवा-हवाई हो गए हैं, जिनमें वह बार-बार क कह रहे थे कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. इस बीच आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेस मार्क पाने वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा फिर से कराने का आदेश दिया था.

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NEET पेपर लीक केस में एक अभ्यर्थी ने स्वीकार कर लिया है कि उसे पेपर पहले ही मिल गया है. बिहार पुलिस की जांच में सामने आया है कि कुछ अभ्यर्थियों को पेपर पहले से पता था और उन्हें रात भर यह पेपर रटवाया भी गया था. अब एक आरोपी ने कबूल लिया है. आरोपी अनुराग यादव ने अपने कबूलनामे में कहा है कि उसे पेपर मिल गया था और जब असली पेपर मिला तो सारे सवाल वही थे जो उसे पहले से रटवाए गए थे. इस मामले में अनुराग यादव ने अपने एक रिश्तेदार का नाम लिया है. उसने बताया कि उसके रिश्तेदार ने ही पूरी सेटिंग करवाई थी.

अनुराग यादव ने बताया है कि उसके फूफा ने नीट के पेपर के लिए सेटिंग करवाई थी. इसी के लिए उसे कोटा से पटना बुलाया गया था. उसने यह भी बताया है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही उसे पेपर मिल गया था. हालांकि, उसने यह भी कहा है कि परीक्षा के बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. बिहार पुलिस की इस टीम को एक ठिकाने से पेपर के जले हुए टुकड़े, कुछ आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मिले थे. इस मामले में पटना के एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु का नाम भी शामिल किया है.

क्या बोला आरोपी अनुराग यादव?

अनुराग यादव ने बताया है कि वह समस्तीपुर का रहने वाला है.वह कोटा में रहता था और एलन कोचिंग सेंटर से पढ़ाई कर रहा था. उसने सिकंदर यादवेंदु को अपना फूफा बताया है. अनुराग ने कहा है, 'मेरे फूफा ने कहा कि 5 मई को नीट का पेपर है. कोटा से वापस आओ, सेटिंग हो गई है. 4 मई को रात में मुझे अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास छोड़ दिया गया. वहां मुझे नीट का पेपर और आंसर शीट मिली. रात भर हमें रटाया गया. सुबह मैं पेपर देने गया तो पेपर में सारे सवाल हूबहू थे. परीक्षा के बाद अचानक पुलिस आई और मुझे पकड़ लिया. मैंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.'

इस मामले में जांच कर रही पुलिस सिकंदर यादवेंदु को भी गिरफ्तार कर चुकी है. उसने भी स्वीकार किया है कि उसने अनुराग यादव के साथ-साथ अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार और आयुष राज की पटना में रहने में मदद की. यादवेंदु ने माना है कि वह एक रैकेट में शामिल है जो NEET के अलावा, BPSC और UPSC के पेपर भी लीक करवा चुका है. इस मामले में पुलिस कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और कुछ परीक्षार्थियों से भी पूछताछ कर चुकी है.