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Kamal Nath: तीन वजहें, जिसकी वजह से इंदिरा गांधी के 'तीसरे बेटे' कमलनाथ हुए कांग्रेस से नाराज

Nakul Kamal Nath BJP Joining Updates: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ नाराज हैं. कहा जा रहा है कि नाराजगी की वजह से ही कमलनाथ दिल्ली पहुंचे हैं. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि नाराजगी को लेकर कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से मिलने गए हैं या कोई बड़ा निर्णय लेते हुए उन्होंने दिल्ली का रूख किया है. ऐसे में सवाल ये कि आखिर कमलनाथ की नाराजगी की वजहें क्या हैं?

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Nakul Kamal Nath BJP Joining Updates: कांग्रेस के पूर्व सांसद कमलनाथ चर्चा में हैं. चर्चा में होने की वजह कांग्रेस से उनकी नाराजगी और भाजपा से बढ़ती नजदीकी भी है. दावा किया जा रहा है कि कमलनाथ कुछ मुद्दों को लेकर कांग्रेस से इतने नाराज हो गए हैं कि उन्होंने देश की सबसे पुरानी पार्टी से 45 साल पुराना रिश्ता तोड़ने का फैसला कर लिया है. ऐसे में सवाल ये कि आखिर वो क्या कारण हैं, जिसकी वजह से कमलनाथ, कांग्रेस से इतने नाराज हो गए कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को झटका देने का मन बना लिया. 

कमलनाथ की नाराजगी की वजहों के बारे में जानने से पहले उनके करीबी और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री के इस बयान पर ध्यान दीजिए. मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्व की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने शनिवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारे नेता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि राजनीति में तीन (सम्मान,अपमान और स्वाभिमान) चीजें काम करती हैं. जब इन तीनों में से किसी चीज पर आघात पहुंचता है, तो बड़ा फैसला लेना पड़ता है. 

सज्जन वर्मा ने बताया, क्यों दिल्ली पहुंचे हैं कमलनाथ

छिंदवाड़ा के पूर्व सांसद की ओर से फिलहाल न तो कांग्रेस छोड़ने की औपचारिक घोषणा हुई है और न ही उन्होंने भाजपा ज्वाइन करने को लेकर कोई जानकारी दी है. फिलहाल, ये सभी बातें सूत्रों और रिपोर्ट्स के जरिए सामने आ रही हैं. इस बारे में जब कमलनाथ के करीबी सज्जन वर्मा से सवाल दागा गया तो उन्होंने कहा कि कमलनाथ किसी मुद्दे को लेकर बेहद आहत थे. इन मुद्दों को लेकर ही वे नाराज हैं और उन्होंने दिल्ली का रूख किया है. हालांकि, उन्होंने भी ये स्पष्ट नहीं किया कि आखिर कमलनाथ जिन मुद्दों को लेकर नाराज हैं, उन मुद्दों को लेकर वे किसके पास गए हैं? फिलहाल इसपर सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन कमलनाथ की नाराजगी की जो तीन वजहें सामने आ रही हैं. 

  • पहला ये कि पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी. पार्टी की हार के बाद कमलनाथ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. कहा जा रहा है कि हार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने की वजह से ही कमलनाथ पार्टी से नाराज थे और भाजपा नेताओं के संपर्क में थे.
  • दूसरी वजह ये कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. राज्य में जब भाजपा की सरकार बनी, तो उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं बनाया गया.
  • तीसरी वजह ये कि कमलनाथ की राज्यसभा जाने की हसरत थी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह दिग्विजय सिंह के करीबी अशोक सिंह को अपना उम्मीदवार बना दिया. पहले से कांग्रेस से नाराज चल रहे कमलनाथ, अशोक सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद और ज्यादा नाराज हो गए. 

अब जान लीजिए, कमलनाथ के इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे होने की कहानी

बात 1980 है, जब कमलनाथ पहली बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. उस दौरान खुद इंदिरा गांधी कमलनाथ के नामांकन में पहुंची थीं, उन्होंने तब कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा बताया था. दरअसल, कानपुर के एक कारोबारी परिवार में 1946 को जन्मे कमलनाथ की शुरुआती पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से हुई. उस दौरान दून स्कूल में इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी भी पढ़ते थे. संयोग से दोनों एक ही क्लास में थे और अच्छे दोस्त थे. बस ये दोस्ती आगे तक कायम रही.

संजय गांधी के करीबी होने की वजह से कमलनाथ का कांग्रेस से जुड़ाव भी रहा. कांग्रेस में शामिल होने के बाद कमलनाथ अपनी कार्यशैली से न सिर्फ इंदिरा बल्कि राजीव गांधी के भी खास बन गए थे. 1980 में छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने से एक साल पहले यानी 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से टक्कर लेने में कमलनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कमलनाथ के काम करने से इंदिरा गांधी काफी प्रभावित थीं.