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India Daily

'दिल्ली के इस इलाके में रेहड़ी वाले लगाएंगे नेम प्लेट...,' बांग्लादेशी और रोहिंग्या के घुसने से मचा हड़कंप

दिल्ली के नजरफगढ़ में सब्जी मंडी में रेहड़ी-पटरी वालों को ठेलों पर अपना नाम लिखना होगा. अब ये फरमान अवैध बांग्लादेशियों और रोहिन्गया से बचने के लिए है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Street Vendor
Courtesy: Social Media

Delhi News: देश की राजधावनी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में स्ट्रीट वेंडर के लिए नया फरमान जारी किया है. यहां के सब्जी बाजार में अब सभी स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी गाड़ियों पर नाम और फोन नंबर दिखान अनिवार्य होगा. दरअसल, यह आदेश स्थानीय काउंसलर और बाजार संघ द्वारा जारी किया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नए नियम का उद्देश्य अवैध बांगलादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को बाजार में सब्जी बेचने से रोकना है, जिनके बारे में शिकायतें मिली थीं कि अज्ञात विक्रेता बाजार में घुसपैठ कर रहे थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के नजफगढ़ बाजार संघ के अनुसार, हर स्ट्रीट वेंडर को एक यूनिक "नंबर" दिया जाएगा. जबकि, विक्रेताओं को अपनी पहचान वैरिफाई कराने के लिए दस्तावेज़, जैसे आधार कार्ड, पेश करने होंगे. उधर, संघ का कहना है कि नजफगढ़ बाजार क्षेत्र में लगभग 300 स्ट्रीट वेंडर्स हैं. जो विक्रेता नामप्लेट के बिना होंगे, वे अपना सामान नहीं बेच सकेंगे. 

जानिए इस घटना पर क्या बोले BJP पार्षद?

इस मामले पर स्थानीय बीजेपी पार्षद अमित खड़कहरी ने कहा कि यह नया नियम सुरक्षा कारणों से लागू किया गया है. इसका उद्देश्य किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव करना नहीं है. 

नजफगढ़ व्यापार मंडल ने जारी किए सुरक्षा उपाय 

नजफगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष संतोष राजपूत ने बताया कि बाजार संघ विक्रेताओं की पूरी पहचान का रिकॉर्ड रखेगा और इसे स्थानीय पुलिस और दिल्ली नगर निगम (MCD) को सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सौंपेगा. वहीं, वैरिफिकेशन प्रक्रिया 20 नवंबर तक पूरी करने का टारगेट रखा गया है. 

जानें नए नियम का प्रभाव और उद्देश्य?

संतोष राजपूत ने कहा, "इस कदम से हम सब्जी बाजार में व्यवस्था सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. अगर विक्रेताओं के नाम और फोन नंबर उनकी गाड़ियों पर लगे होंगे, तो कोई भी ग्राहक जो शिकायत करना चाहता है, वह हमें रिपोर्ट कर सकेगा. इससे हमें अवैध प्रवासियों को पहचानने में मदद मिलेगी, और हम उनकी जानकारी MCD और पुलिस को सौंप सकेंगे."

इससे पहले हो चुका विवाद!

इससे पहले उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सरकारों द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नामप्लेट लगाए जाने के फैसले को भेदभावपूर्ण मानते हुए वापस ले लिया गया था, जिसके कारण यह नया नियम चर्चा का विषय बन गया है.