मुंबई में ठंडक के साथ प्रदूषण की चिंता बढ़ी, 358 पहुंचा AQI; हवा की गुणवत्ता बनी गंभीर समस्या
बुधवार की सुबह मुंबई के लोगों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई. क्योंकि, साल के आखिरी दिन मुंबई वासियों ने ठंडक का एहसास किया. लेकिन ठंड के साथ ही यहां पर प्रदूषण का कहर भी देखने को मिला. आज सुबह शहर में AQI 358 दर्ज किया गया.
मुंबई: बुधवार की सुबह मुंबई के लोगों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई. क्योंकि, इस साल के आखिरी दिन मुंबई वासियों ने ठंडक का एहसास किया. इस दिन सुबर मुंबई का मौसम साफ था, हल्की हवा चल रही थी और नमी भी कम थी, जिससे 2025 की आखिरी सुबह कुछ ठंडी और सुहानी लगी. लोगों को सर्दी का हल्का एहसास हुआ.
जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, शहर के कई इलाकों में घना कोहरा और धुंध छा गई. जिससे न सिर्फ देखने में दिक्कत हुई, बल्कि एक बार फिर मुंबई की हवा की खराब हालत सामने आ गई. भारतीय मौसम विभाग ने दिन में धूप और अच्छा मौसम रहने की बात कही थी, जिसमें तापमान 18 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद थी. इसके बावजूद सुबह बाहर निकलने वाले लोगों को प्रदूषित और बदबूदार हवा का सामना करना पड़ा, खासकर ट्रैफिक वाले इलाकों में.
हवा की गुणवत्ता हुई बेहद खराब
देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी दूषित हवा समस्या का कारण बन गया है. मुंबई से वायु गुणवत्ता से जुड़े डराने वाले आंकड़ों सामने आ रहे हैं. वायु गुणवत्ता आंकड़ों के अनुसार, मुंबई का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह करीब 358 दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है. इसका मतलब है कि यह हवा सेहत के लिए काफी खतरनाक है.
इससे खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस या दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा नुकसान हो सकता है. पिछले कुछ हफ्तों में प्रदूषण में थोड़ी कमी जरूर आई थी, लेकिन अब हालात फिर से बिगड़ते नजर आ रहे हैं.
मुंबई में प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
मुंबई में बढ़ते प्रदूषण की बड़ी वजह शहर में चल रहे निर्माण कार्य को बताया जा रहा है. मेट्रो प्रोजेक्ट, फ्लाईओवर, कोस्टल रोड, सड़क चौड़ीकरण और बड़े पैमाने पर हो रहे रियल एस्टेट निर्माण से हवा में बहुत ज्यादा धूल उड़ रही है. इसके साथ ही भारी ट्रैफिक और वाहनों से निकलने वाला धुआं स्थिति को और खराब कर रहा है.
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके
शहर के कुछ इलाके प्रदूषण के मामले में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति में हैं. चेंबूर और वडाला ट्रक टर्मिनल में AQI बहुत ज्यादा दर्ज किया गया, जो “खतरनाक” श्रेणी में आता है. कोलाबा, कुर्ला और बांद्रा जैसे इलाकों में भी हवा की हालत बेहद खराब पाई गई.
उपनगरीय इलाकों में हालात थोड़े बेहतर जरूर हैं, लेकिन वहां भी हवा को साफ नहीं कहा जा सकता. कांदिवली, गोवंडी, बोरीवली, मलाड और चारकोप जैसे क्षेत्रों में AQI “अस्वास्थ्यकर” से लेकर “गंभीर” श्रेणी के बीच दर्ज किया गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वायु गुणवत्ता वर्गीकरण के अनुसार, 0 से 50 के बीच के AQI स्तर को 'अच्छा' माना जाता है वहीं 51–100 तो 'ठीक-ठाक' या 'मध्यम', 101 से 200 को 'खराब', 201 से 300 को 'अस्वास्थ्यकर' माना जाता है, और 300 से ऊपर के स्तर 'गंभीर' या 'खतरनाक' श्रेणी में आते हैं. कई बार यह जानलेवा भी साबित होती है.