Mohan Bhagwat Speech: ‘स्व’ के आधार पर तंत्र चले तो... स्वतंत्रता दिवस पर भुवनेश्वर में मोहन भागवत का संबोधन, बताया ‘स्व’ और ‘तंत्र’ का महत्व
भुवनेश्वर में स्वतंत्रता दिवस पर ‘उत्कल विपन्न सहायता समिति’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ. मोहन भागवत ने राष्ट्रध्वज फहराया और ‘स्व’ व ‘तंत्र’ के महत्व पर भाषण दिया. उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य विश्व में सुख और शांति लाना और धर्म के माध्यम से सबको जोड़ना है. राष्ट्रध्वज का धर्मचक्र इसी विचार का प्रतीक है.
Mohan Bhagwat Speech: भुवनेश्वर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने राष्ट्रध्वज फहराया और उपस्थित लोगों को संबोधित किया. यह कार्यक्रम ‘उत्कल विपन्न सहायता समिति, उड़ीसा’ द्वारा आयोजित किया गया था.
अपने संबोधन में डॉ. भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल राजनीतिक आजादी नहीं, बल्कि इसमें ‘स्व’ और ‘तंत्र’ दोनों शामिल हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तंत्र ‘स्व’ के आधार पर चलता है, तभी सच्ची स्वतंत्रता मिलती है.
भारत की विशेषता और उद्देश्य
उन्होंने भारत की विशेषता बताते हुए कहा कि भारत एक अद्वितीय देश है, जो दुनिया में सुख और शांति लाने के लिए जीता है. भारत का उद्देश्य केवल अपने विकास तक सीमित नहीं, बल्कि विश्व को धर्म और संस्कृति की अनमोल धरोहर देना भी है. उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रध्वज के केंद्र में स्थित धर्मचक्र इसी विचार का प्रतीक है, जो सबको साथ लेकर, जोड़कर और उन्नत करके लोक और परलोक दोनों में सुख देने वाला है.
‘स्व’ के आधार पर चलना
डॉ. भागवत ने जोर देकर कहा कि धर्म का उद्देश्य सबको जोड़ना और सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है. उन्होंने कहा कि यह भारत की विशेषता है कि वह विश्व को धर्म देने के लिए जीता है, लेकिन इसके लिए देश के अपने तंत्र को मजबूत करना और ‘स्व’ के आधार पर चलना जरूरी है.
देश की एकता व अखंडता का आह्वान
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने डॉ. भागवत के विचारों को ध्यान से सुना और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को दोहराया. कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी सम्मानित किया गया और देश की एकता व अखंडता बनाए रखने का आह्वान किया गया.
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