आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम, 97 तेजस मार्क 1A जेट की खरीद के लिए की 62,370 करोड़ की डील
रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 97 तेजस मार्क 1ए जेट विमानों की खरीद के लिए 62,370 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक करार किया है. यह स्वदेशी लड़ाकू विमान के लिए अब तक का सबसे बड़ा सौदा है,
Tejas Mk 1A: भारत ने अपनी रक्षा क्षमता और स्वदेशी तकनीक को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने 97 तेजस मार्क 1ए विमानों की खरीद के लिए 62,370 करोड़ रुपये का करार किया है, जो न केवल भारतीय वायुसेना को आधुनिक बनाएगा, बल्कि देश के रक्षा उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. यह सौदा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर है, क्योंकि इसमें 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल है. यह खबर इसलिए भी खास है, क्योंकि यह सौदा पुराने मिग 21 विमानों को हटाने और वायुसेना को मजबूत करने के समय आया है .
तेजस मार्क 1ए में 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग इसे एक अनूठा विमान बनाता है. इस सौदे में शामिल विमानों में उन्नत उत्तम एईएसए रडार, स्वयं रक्षा कवच इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और स्वदेशी नियंत्रण सतह एक्ट्यूएटर्स जैसे 67 नए उपकरण जोड़े गए हैं. ये तकनीकें भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत का परिणाम हैं, जो वैश्विक मंच पर भारत की ताकत को प्रदर्शित करती हैं .
वायुसेना के लिए साबित होगा गेम चेंजर
यह सौदा भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर साबित होगा. पुराने मिग 21 विमानों के रिटायर होने के बाद, तेजस मार्क 1ए आधुनिक युद्ध की जरूरतों को पूरा करेगा. 26 सितंबर को मिग 21 के आखिरी दो स्क्वाड्रन रिटायर हो रहे हैं, और ऐसे में यह करार वायुसेना की कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा. डिलीवरी 2027 28 से शुरू होकर छह साल में पूरी होगी.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस सौदे से न केवल रक्षा क्षेत्र, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ होगा. करीब 105 भारतीय कंपनियां तेजस कार्यक्रम की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हैं, जिससे हर साल 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. यह सौदा स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगा और छोटे बड़े व्यवसायों को नए अवसर प्रदान करेगा .
इंजन सौदे की उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक, तेजस मार्क 1ए को शक्ति देने वाले 113 एफ 404 इंजनों के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के साथ भी एक करार अंतिम चरण में है. जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है, जो इस परियोजना को और मजबूती देगी. यह सौदा भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी और वैश्विक सहयोग का अनूठा संगम है.