‘मोदी बंकर’ पाकिस्तान को मात देने को तैयार, पहलगाम हमले का बदला लेने की प्रतिज्ञा होगी पूरी!

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद LOC के पास के इलाके में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. ऐसे में प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है. हालांकि, शांति के सालों में खाली पड़े इन बंकर्स को अब ग्रामीण फिर से तैयार कर रहे हैं.

Imran Khan claims
X@ANI

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ गया है. जहां सीमावर्ती गांवों जैसे सलोत्री और करमरहा के निवासी किसी भी संभावित खतरे के लिए अपने अंडरग्राउंड बंकर्स को तैयार कर रहे हैं. पाकिस्तानी सैन्य चौकियों के पास बसे ये ग्रामीण बंकर्स को साफ कर आवश्यक सामान जैसे कंबल, बिस्तर और अन्य वस्तुओं का भंडारण कर रहे हैं. सालों की शांति के बाद, अब ये लोग संघर्ष की आशंका से सतर्क हो गए हैं.

बंकर्स की सफाई, डर का माहौल

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में करमरहा गांव के एक निवासी ने बताया, "लोग बंकर्स को भूल चुके थे. अब बंकर्स को फिर से साफ किया जा रहा है. क्योंकि, डर का माहौल है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि घाटी में सद्भाव कायम रहेगा. ग्रामीणों ने बंकर्स में व्यवस्था करते हुए दिखाई दिए, जो किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार किए जा रहे हैं.

सरकार और सेना के साथ बनाई एकजुटता

एक अन्य निवासी ने सरकार और सेना के प्रति पूर्ण समर्थन जताया. उन्होंने कहा, "हम सरकार के साथ हैं, हम उनके साथ खड़े हैं. हम पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हम अपनी सेना और प्रशासन के समर्थन में हैं. जब भी उन्हें हमारी जरूरत होगी, हम हर संभव सहायता देने को तैयार हैं, चाहे इसके लिए हमें अपनी जान क्यों न देनी पड़े."

जानिए 'मोदी बंकर्स' का क्या है महत्व?

दरअसल, 'मोदी बंकर्स' के नाम से जाने जाने वाले ये भूमिगत आश्रय स्थल पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और एलओसी पर संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान ग्रामीणों के लिए जीवन रक्षक साबित हुए हैं. इन्हें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनाया गया था. पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकर्स के लिए सरकार ने वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है.

एक ग्रामीण ने कहा, "पहले इस क्षेत्र में गोलीबारी की घटनाएं होती थीं. हमारा गांव एलओसी के पास है. हम केंद्र सरकार के आभारी हैं कि उन्होंने हमें ऐसे बंकर्स प्रदान किए.

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