'अवैध परमाणु गतिविधियों का इतिहास...' ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्टिंग वाले बयान पर पाकिस्तान की भारत ने फिर खोली पोल, वीडियो
दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन दशक से भी ज्यादा समय बाद अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अपने प्रशासन के फैसले की घोषणा की.
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी का संज्ञान लिया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों के परीक्षण को गुप्त और अवैध बताया था. यह प्रतिक्रिया ट्रंप द्वारा रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अमेरिकी कदम को उचित ठहराए जाने के बाद आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा हैं, जो दशकों से तस्करी, निर्यात नियंत्रण उल्लंघनों, गुप्त साझेदारियों, अल-कायदा खान नेटवर्क और परमाणु प्रसार पर केंद्रित है.
'इतिहास से जुड़ी हैं अवैध परमाणु गतिविधियां'
रणधीर ने कहा कि भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के इन पहलुओं की ओर आकर्षित किया है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियां उसके प्राचीन इतिहास से जुड़ी हैं, जो दशकों से चली आ रही हैं.
क्या कहा था ट्रंप ने?
दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन दशक से भी ज्यादा समय बाद अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अपने प्रशासन के फैसले की घोषणा की. इसे सही ठहराते हुए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इस बारे में बात नहीं करते. हम एक खुला समाज हैं. हम अलग हैं. हम इस बारे में बात करते हैं, वरना आप लोग रिपोर्ट करेंगे. उनके पास ऐसे रिपोर्टर नहीं हैं जो इस बारे में लिखें.
उन्होंने आगे कहा कि हम परीक्षण करेंगे क्योंकि वे परीक्षण करते हैं और दूसरे भी करते हैं. और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहा है.
पाकिस्तान ने ट्रंप के दावों का किया खंडन
हालांकि, पाकिस्तान ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि वह परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने वाला पहला देश नहीं होगा. एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण करने वाला पहला देश नहीं था और न ही वह परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने वाला पहला देश होगा.