Marathi slapping controversy: 'गुंडागर्दी नहीं करेंगे बर्दाश्त...' मराठी विवाद के बीच थप्पड़ कांड पर भड़के CM फडणवीस ने दी चेतावनी

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मराठी भाषा न बोलने पर लोगों पर हाल ही में हुए हमलों के बाद मराठी गौरव के नाम पर गुंडागर्दी के लिए शून्य सहनशीलता की कसम खाई है. यह बयान मीरा रोड हमले जैसी घटनाओं के बाद आया है, जहां एक दुकान मालिक पर हमला किया गया था.

Imran Khan claims
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार (4 जुलाई) को भाषा के नाम पर हो रही हिंसा की हालिया घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठी गौरव के नाम पर गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मीरा रोड की घटना, जहां एक दुकानदार पर कथित तौर पर मराठी न बोलने के कारण हमला किया गया, इसपर बोलते हुए फडणवीस ने सख्त चेतावनी दी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मीरा रोड में एक दुकानदार, बाबूलाल खिमजी चौधरी, पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के सदस्यों द्वारा हमला करने का वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमाया. हमलावरों ने कथित तौर पर हिंदी में जवाब देने पर आपत्ति जताई और मराठी बोलने की मांग की.

भाषा आधारित हिंसा पर चेतावनी

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि भाषा के आधार पर हिंसा भड़काने की किसी भी कोशिश को राज्य सरकार सख्ती से कुचलेगी. “अगर कोई भाषा के आधार पर गुंडागर्दी करता है, तो हमारी सरकार उसे बख्शेगी नहीं और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. मैं दोहराता हूं, अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए, लेकिन इसका बहाना बनाकर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” फडणवीस ने जोर देकर कहा. यह बयान महाराष्ट्र में मराठी न बोलने वालों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच आया है, जिसने भाषाई सतर्कता को लेकर चिंता बढ़ा दी है.

ठाणे में शिवसेना (यूबीटी) की हरकत

मीरा रोड की घटना के बाद ठाणे से एक और वीडियो सामने आया, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) के नेता और पूर्व सांसद राजन विचारे अपने कार्यालय में व्यापारियों के साथ उग्र व्यवहार करते दिखे. उनके समर्थकों ने कथित तौर पर मराठी न बोलने पर व्यापारियों को थप्पड़ मारे और कैमरे पर माफी मांगने के लिए मजबूर किया. इस वीडियो ने भाषा विवाद को और भड़का दिया. शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सफाई देते हुए कहा कि यह मराठी बनाम गैर-मराठी का मुद्दा नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विवाद था. हालांकि, वीडियो और ऐसी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने भाषा को डराने-धमकाने के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की चिंताओं को बढ़ा दिया है.

एमएनएस का बचाव

एमएनएस नेताओं ने मीरा रोड हमले का बचाव करते हुए दुकानदार के “अहंकारी रवैये” को इसका कारण बताया. उन्होंने दावा किया कि वे एक रैली के दौरान पानी खरीदने गए थे और हिंदी में जवाब मिलने पर आपत्ति जताई, क्योंकि “महाराष्ट्र में सभी भाषाएं बोली जाती हैं.” लेकिन इस तरह के कृत्यों ने सामाजिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है.

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