Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों के लिए राजस्थान-मध्यप्रदेश में BAP ने ठोंकी ताल, जानें किन सीटों पर बिगाड़ सकती है खेल

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) से अलग होकर भारत आदिवासी पार्टी की स्थापन हो चुकी है.राजस्थान विधानसभा चुनाव में टक्कर देने के बाद अब BAP लोकसभा चुनाव की तैयारी में है.

Imran Khan claims

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव इस बार काफी रोमांचक होने वाला है. हालांकि मुकाबला पूरे देश में ही टक्कर का है, लेकिन राजस्थान की कहानी कुछ अलग है. यहां पहले से मुश्किल दौर में चल रही कांग्रेस के सामने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) है, जिसके साथ मुकाबला काफी चुनौतियों भरा हो सकता है.

दावा किया जाता है कि विभाजन से पहले भारत आदिवासी पार्टी छह साल पुरानी भारतीय ट्राइबल पार्टी थी. भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने लोकसभा चुनाव के लिए आठ सीटों पर उतरने का ऐलान किया है. BAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने बताया कि पार्टी राजस्थान में बांसवाड़ा, उदयपुर, टोंक, राजसमंद, दौसा, जालौर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेगी.

मध्य प्रदेश की इन सीटों पर भी दांव खेलेगी पार्टी

इसके अलावा मध्य प्रदेश में रतलाम, धार, शहडोल समेत दो अन्य सीट पर भी प्रत्याशी उतारेगी. हालांकि इस घोषणा के दौरान रोत ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की अटकलों पर भी विराम लगाया है. 

जानिए कब बनी BAP?

भारत आदिवासी पार्टी (BAP) की स्थापना साल 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुई थी. छह साल पुरानी पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी से ये अलग हुई थी. पार्टी की स्थापना आदिवासी नेता और राजस्थान के चोरासी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने की. 

क्यों भारतीय ट्राइबर पार्टी से हुआ अलगाव?

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में रोत ने कहा कि बीटीपी के साथ उनकी विचारधारा मेल नहीं खा रही थी. इसके कारण उन्होंने नई पार्टी बनाई है. भाजपा और कांग्रेस के लोग वर्तमान में बीटीपी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक हितों के लिए कुछ लोगों ने पार्टी को हाईजैक कर लिया है. 

राजस्थान के कई बड़े कांग्रेसी नेता पहले ही पार्टी को छोड़ चुके हैं. इसके अलावा राजस्थान चुनाव में हार का एक कारण पार्टी की आंतरिक कलह भी थी. जिसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में हार का मुंह का देखकर भुगतना पड़ा. 

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