Krishna Janmabhoomi Case: 'मुसलमानों से उनकी अस्मत लूटना लक्ष्य', शाही ईदगाह के सर्वे वाले आदेश पर भड़के ओवैसी
Asaduddin Owaisi On Krishna Janmabhoomi Case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह विवादित परिसर का सर्वेक्षण का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है.
Asaduddin Owaisi On Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर से शाही ईदगाह परिसर का सर्वे कराने की इजाजत दे दी है. आपको बता दें, वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तर्ज पर इस विवादित परिसर का भी सर्वे होगा. इस सर्वे की रूपरेखा 18 दिसंबर को तय की जाएगी. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है.
सर्वे वाले आदेश पर भड़के ओवैसी
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा शाही ईदगाह परिसर के सर्वे की इजाजत के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर इस फैसले को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि कानून का मजाक बना दिया है. ओवैसी ने अपने पोस्ट में कई प्वाइंट का जिक्र किया है.
ओवैसी ने अपने पोस्ट में लिखा कि इलाहाबाद HC ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है. बाबरी मस्जिद फैसले के बाद मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी. यह पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद ऐसी मुकदमेबाजी पर रोक लगाने के बावजूद है.
ओवैसी ने कहा कि मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद समिति और मंदिर के ट्रस्ट के बीच आपसी सहमति से सुलझाया गया था. इन विवादों को एक नया गुट उछाल रहा है. चाहे वह काशी हो, मथुरा हो या लखनऊ की टाइले वाली मस्जिद, यह एक ही समूह है. कोई भी उस समझौते को यहां पढ़ सकता है, जिसे अदालत के समक्ष तय किया गया था.
ओवैसी ने आगे कहा कि पूजा स्थल अधिनियम अभी भी लागू कानून है. लेकिन इस ग्रुप ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी, तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वे का आदेश देना पड़ा?
उन्होंने आगे कहा कि जब एक पक्ष लगातार मुसलमानों को निशाना बनाने में रुचि रखता है तो कृपया "देना और लेना" का उपदेश न दें, लेकिन कानून अब कोई मायने नहीं रखता. मुसलमानों से उनकी अस्मत लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य है
क्या है पूरा मामला ?
सूत्रों के हवाले से सामने आ रही जानकारी के अनुसार भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन की ओर से दायर की गई याचिका में यह दावा किया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है. आपको बताते चलें