नई दिल्ली: शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पास भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.5 थी. इसके बाद कोलकाता और नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के कई हिस्सों में महसूस किए गए. यह जानकारी US जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने दी है. USGS ने बताया कि भूकंप का सेंटर ढाका से करीब 50 किलोमीटर दूर नरसिंगडी में था और भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी.
इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने बताया कि भूकंप सुबह 10:08 बजे ढाका से करीब 50 किलोमीटर दूर नरसिंगडी से 13 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और 10 किलोमीटर की गहराई पर आया. बांग्लादेश में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है. बता दें कि कोलकाता में कई लोगों ने सुबह करीब 10:10 बजे भूकंप के झटके महसूस किए, यह कुछ दिन के लिए ही था. यहां पर कुछ सेकंड के लिए ही झटके महसूस किए गए. भूकंप आते ही लोग अपने घरों और बिल्डिंग्स से बाहर निकल आए.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि, शुक्रवार सुबह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दो मीडियम-इंटेंसिटी वाले भूकंप आए. इसके बाद यह तीसरा भूकंप है. एक सोशल मीडिया यूजर ने पोस्ट करते हुए बताया कि उसके घर में 7 से 8 सेकेंड तक सोफा और पंखा हिलने लगा. यूजर ने इसका एक वीडियो भे शेयर किया. हालांकि, किसी नुकसान या किसी के हताहत की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
Strong tremors felt across parts of Kolkata, including the Salt Lake IT sector.
Employees evacuated buildings as precaution.
No major damage reported yet, but authorities urge people to stay alert and avoid using elevators.
Stay safe, Kolkata. 🌍⚠️#Earthquake #Kolkata #SaltLake pic.twitter.com/ZDQm6087wu
— Dr Tapas Pramanick (R G Kar Medical College) (@Rgkar2019Tapas) November 21, 2025
भूकंप की खबर आते ही लोगों को एक्स पर वीडियो पोस्ट करना शुरू किया. इसमें लोक लग रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और कमर्शियल बिल्डिंग के बाहर इकट्ठा होते दिख रहे थे. भूकंप के चलते ढाका में चल रहे बांग्लादेश और आयरलैंड टेस्ट मैच में भी रुकावट आई. हालांकि, कुछ ही देर बाद मैच फिर से शुरू हो गया.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान में गुरुवार को 3.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया. बयान के मुताबिक, भूकंप 10 किलोमीटर की कम गहराई पर आया, जिससे आफ्टरशॉक का खतरा रहता है.
गहरे भूकंपों की तुलना में कम गहरे भूकंप ज्यादा खतरनाक होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कम गहरे भूकंपों से आने वाली सीस्मिक वेव्स को सरफेस तक पहुंचने में कम दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे जमीन ज्यादा हिलती है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत दुनिया के सबसे ज्यादा सीस्मिक रूप से एक्टिव जोन में से एक में हैं, जहां इंडियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं.