'लोगों ने उसे सांसद चुना है, सरकार को छोड़ना ही पड़ेगा...', जेल के बाहर बोलीं अमृतपाल सिंह की मां
अमृतपाल सिंह, मार्च 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने खंडूर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया. बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले अमृतपाल सिंह फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. लोकसभा चुनाव में उनकी अप्रत्याशित जीत ने उनकी जेल से जल्द रिहाई की उम्मीद बढ़ा दी है.
शनिवार को अमृतपाल सिंह के माता-पिता उनसे मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे. इस दौरान सिंह की मां बलविंदर सिंह कौर और उनके पिता ने संवाददाताओं से बातचीत की.
'सरकार को छोड़ना ही पड़ेगा'
मीडिया से बातचीत के दौरान बलविंदर सिंह कौर उनके बेटे को सांसद बनाने वाली जनता का धन्यवाद दिया. कौर ने कहा, 'मैं उसे (अमृतपाल सिंह) को भारी मतों से सांसद बनाने के लिए लोगों का धन्यवाद करती हूं...वह जल्द जेल से बाहर आएगा...जनता ने उसे बड़ा जनादेश दिया है इसलिए सरकार को उसे छोड़ना ही होगा...'
क्या है एनएसए
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 में अस्तित्व में आया था. यह केंद्र और राज्य सरकारों को बिना पूर्व सूचना के किसी को भी हिरासत में लेने की ताकत देता है. इस कानून के तहत किसी भी शख्स को 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है.