यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टलने से खुश है पति, 13 साल की बेटी को लेकर दुनिया को क्या बताया?

निमिषा प्रिया के परिवार के लिए यह राहत का समय है, लेकिन उनके सुरक्षित घर वापसी के लिए भारत सरकार और उनके परिवार की ओर से संघर्ष जारी रहेगा. यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के दौरान भी भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी ताकत से प्रयास करता है.

Social Media
Mayank Tiwari

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमनी सरकार से मंगलवार (15 जुलाई) को एक बड़ी राहत मिली. यमनी अधिकारियों ने उनकी फांसी की सजा को टालने का ऐलान किया, जिससे उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. निमिषा के पति, टोमी थॉमस ने इस घोषणा के बाद संतोष व्यक्त किया और सभी सरकारी और अन्य संगठनों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस मुद्दे में समर्थन किया.

न्यूज एजेंसी से बातचीत में PTI से बात करते हुए टोमी थॉमस ने कहा, "फांसी की सजा को टाल दिया गया है. यह अच्छी खबर है. हम खुश और राहत महसूस कर रहे हैं. मुझे पूरा यकीन है कि हम अपनी कोशिशों को जारी रखेंगे ताकि उसकी फांसी को रोका जा सके और उसे सुरक्षित वापस लाया जा सके." उन्होंने उन सभी का धन्यवाद किया जिन्होंने इस कठिन समय में उनका साथ दिया.

जानिए निमिषा प्रिया का क्या है मामला?

निमिषा प्रिया, जो केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड़े की रहने वाली हैं, पर जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप था. 2020 में, एक यमनी कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. नवंबर 2023 में, यमनी सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था.

निमिषा प्रिया वर्तमान में यमन की राजधानी साना की एक जेल में बंद हैं, जो कि ईरान समर्थित हूथी समूह के नियंत्रण में है.

भारतीय सरकार की भूमिका

भारत सरकार ने पिछले कुछ दिनों में इस मामले में ठोस प्रयास किए हैं, ताकि निमिषा के परिवार को एक "सहमतिपूर्ण" समाधान पर पहुंचने का और समय मिल सके. सरकार ने पूरी तरह से इस मामले में मदद की है और भारतीय अधिकारियों ने यमनी जेल प्रशासन और अभियोजक कार्यालय से लगातार संपर्क रखा, जिससे उनकी फांसी की सजा को स्थगित करवा लिया गया.

निमिषा की मां का संघर्ष

निमिषा की मां, प्रेमाकुमारी, पिछले साल यमन गई थीं ताकि अपनी बेटी की रिहाई के लिए प्रयास कर सकें. उनका यह संघर्ष अब कुछ हद तक सफल होता दिखाई दे रहा है.