menu-icon
India Daily

जम्मू में कश्मीर टाइम्स के कार्यालय पर छापा, एके-47 कारतूस बरामद

कश्मीर टाइम्स के खिलाफ कथित रूप से असंतोष फैलाने, अलगाववाद का महिमामंडन करने तथा भारत और केंद्र शासित प्रदेश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज की गई थी.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Kashmir Times office
Courtesy: Photo-Social Media Grab

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने गुरुवार को कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में जम्मू स्थित कश्मीर टाइम्स के कार्यालय पर छापा मारा. पुलिस सूत्रों के अनुसार, आज सुबह शुरू हुई तलाशी के दौरान एके-47 कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और तीन ग्रेनेड लीवर बरामद किए गए हैं. 

कश्मीर टाइम्स के खिलाफ कथित रूप से असंतोष फैलाने, अलगाववाद का महिमामंडन करने तथा भारत और केंद्र शासित प्रदेश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने के आरोप में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज की गई थी. 

संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन का बयान

कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन का नाम भी एफआईआर में है. सूत्रों ने बताया कि जांच का उद्देश्य अखबार के कथित संबंधों और गतिविधियों की जांच करना है, जो भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं. सोशल मीडिया पर जारी एक संयुक्त बयान में संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन ने कहा कि जम्मू में हमारे कार्यालय पर कथित छापा, राष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों के बेबुनियाद आरोप और कश्मीर टाइम्स पर समन्वित कार्रवाई हमें चुप कराने की एक और कोशिश है.

उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना करना और सरकार से दुश्मनी करना एक जैसा नहीं है. असल में, यह इसका बिल्कुल उल्टा है. एक मजबूत, सवाल पूछने वाला प्रेस एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है. सत्ता को जिम्मेदार ठहराने, भ्रष्टाचार की जांच करने, पिछड़ी आवाजों को पुरजोर करने का हमारा काम हमारे देश को मजबूत करता है. यह इसे कमजोर नहीं करता.

आरोपों को 'डराने का तरीका' बताते हुए संपादकों ने कहा कि हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप डराने, गलत साबित करने और आखिर में चुप कराने के लिए हैं. हम चुप नहीं रहेंगे. कश्मीर टाइम्स जम्मू और कश्मीर के सबसे पुराने और प्रमुख समाचार पत्रों में से एक है. इसकी स्थापना वेद भसीन ने की थी और 1954 में इसे साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशित किया गया था, और 1964 में इसे दैनिक समाचार पत्र में परिवर्तित कर दिया गया.