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India Daily

'झीरम घाटी नक्सली हमले में कांग्रेस के ही कुछ लोग शामिल थे' जेपी नड्डा का बड़ा दावा, आगबबूला हुई कांग्रेस

जेपी नड्डा ने झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ लोग नक्सलियों से मिले हुए थे. भूपेश बघेल ने इन आरोपों को शहीदों का अपमान बताया.

Kanhaiya Kumar Jha
Union Health Minister JP Nadda India Daily
Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में हुए इस भीषण हमले में कांग्रेस के ही कुछ लोग शामिल थे और उन्होंने नक्सलियों को अंदरूनी जानकारी दी थी. नड्डा के इस बयान से छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है.

जेपी नड्डा ने यह बयान छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित ‘जनादेश पर्व’ जनसभा में दिया. यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री विष्णु देव साई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया था. 

सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि वह पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी रह चुके हैं और झीरम घाटी की घटना को उन्होंने बेहद करीब से देखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ नेता अपने ही साथियों को मरवाने की नीयत से नक्सलियों के संपर्क में थे. नड्डा ने सवाल उठाया कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी.

नक्सलवाद पर भाजपा सरकार की उपलब्धियां

नड्डा ने राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सल खतरे को लगभग खत्म कर दिया गया है. अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है.

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में 503 से अधिक लोग मारे गए हैं. इस वर्ष 284 माओवादियों को ढेर किया गया, जिनमें से 255 बस्तर क्षेत्र में मारे गए. वर्ष 2024 में 219 माओवादी मारे गए थे. इसके अलावा लगभग 2500 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और 1853 को गिरफ्तार किया गया है. नड्डा ने यह भी कहा कि हिडमा और बसवराजू जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं का खात्मा बड़ी सफलता है.

25 मई 2013 को क्या हुआ था?

25 मई 2013 को बस्तर जिले में कांग्रेस की परिवर्तन रैली के दौरान माओवादियों ने हमला किया था. इस हमले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित कुल 32 लोगों की जान चली गई थी. यह घटना छत्तीसगढ़ के इतिहास की सबसे भयावह नक्सली वारदातों में गिनी जाती है.

कवासी लखमा और साजिश के आरोप

इस हमले में विधायक कवासी लखमा जीवित बच गए थे, जिसके बाद साजिश से जुड़े कई सवाल खड़े हुए. हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जांच के दौरान लखमा के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश का कोई प्रमाण नहीं पाया. वर्ष 2025 में लखमा को कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था.

भूपेश बघेल का पलटवार

नड्डा के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यदि नड्डा के पास झीरम घाटी हमले से जुड़ी कोई जानकारी है, तो सुरक्षा एजेंसियों को उनसे पूछताछ करनी चाहिए. बघेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं की शहादत पर सवाल उठाकर नड्डा उनका अपमान कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस सरकार जांच को आगे बढ़ाना चाहती थी, तब भाजपा ने अदालतों में जाकर जांच रुकवाने की कोशिश की थी.