'मुझे गुजराती भाषा नहीं आती...', नेहरू-बाबरी मस्जिद विवाद के बीच कांग्रेस के सबूतों पर राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इनसाइड स्टोरी ऑफ सरदार पटेलः द डायरी ऑफ मणिबेन पटेल के कुछ पन्ने दिए. किताब के पन्ने देते समय रमेश ने राजनाथ सिंह से इसे पढ़ने का आग्रह किया. रक्षामंत्री ने मुस्कराते हुए कहा कि मुझे गुजराती भाषा नहीं आती.
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उस समय राजनीति का माहौल गरमा गया, जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इनसाइड स्टोरी ऑफ सरदार पटेलः द डायरी ऑफ मणिबेन पटेल के कुछ पन्ने दिए. किताब के पन्ने देते समय रमेश ने राजनाथ सिंह से इसे पढ़ने का आग्रह किया.
रक्षामंत्री ने मुस्कराते हुए कहा कि मुझे गुजराती भाषा नहीं आती. हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा था, जिसके बाद कांग्रेस ने उनसे माफी मांगने की मांग की थी.
'BJP पूरी झूठों की जमात है'
इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज सुबह जयराम रमेश जी ने राजनाथ सिंह जी को सरदार पटेल की बेटी मनीबेन पटेल की डायरी के कुछ पन्ने देकर कहा- “गुजराती में मनीबेन पटेल की डायरी के इन पन्नों को पढ़िएगा जो आपने नेहरू जी के बारे में कहा था, वह तो इसमें नहीं है.” खिसियाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा- “मुझे गुजराती नहीं आती.” हाल ही में राजनाथ सिंह ने मनीबेन पटेल कि डायरी का जिक्र करते हुए सफेद झूठ बोलते हुए कहा था कि पंडित नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे लेकिन उन्हें पटेल ने रोका था. BJP पूरी झूठों की जमात है.
उन्होंने कहा था कि राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंध बेहतर करने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में गलत बातें फैला रहे हैं. जयराम रमेश के अनुसार, डायरी में दर्ज वास्तविक घटनाओं और राजनाथ सिंह द्वारा किए जा रहे दावों में बड़ा अंतर है. उन्होंने कहा था कि जो बातें डायरी में लिखी हैं, वे साफ बताती हैं कि राजनाथ सिंह का बयान इतिहास के अनुरूप नहीं है.
कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई
दरअसल, राजनाथ सिंह ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन से बाबरी मस्जिद का निर्माण कराना चाहते थे, लेकिन सरदार पटेल ने इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ने दिया. इसी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश बताया है.