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India Daily

'सैनिकों की शहादत के चार दिन बाद पीएम ने क्यों कहा कि...', गलवान संघर्ष पर जयराम रमेश ने मोदी सरकार से पूछे आठ सवाल

उन्होंने सरकार से आठ सवाल पूछे, जिनका जवाब न देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सरकार ने सच्चाई छिपाने और भटकाने की रणनीति अपनाई है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Jairam Ramesh asked eight questions to Modi government on Galwan conflict

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने 2020 के गलवान घाटी संघर्ष को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सरकार से आठ सवाल पूछे, जिनका जवाब न देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सरकार ने सच्चाई छिपाने और भटकाने की रणनीति अपनाई है.

गलवान पर पीएम के बयान पर सवाल

जयराम रमेश ने पूछा, “19 जून 2020 को, यानी गलवान में हमारे सैनिकों की शहादत के चार दिन बाद प्रधानमंत्री ने क्यों कहा कि ‘ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, ना ही कोई घुसा हुआ है’? क्या यह चीन को दी गई क्लीन चिट नहीं थी?” उन्होंने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बयान सैनिकों के बलिदान का अपमान है.

वापसी समझौते पर संदेह

रमेश ने 21 अक्टूबर 2024 के वापसी समझौते पर भी सवाल उठाया, “क्या यह समझौता हमें वास्तव में उसी यथास्थिति पर ले जाता है?” उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार 1962 के बाद भारत को हुए सबसे बड़े भूभाग नुकसान की जिम्मेदार है. साथ ही, भारत-चीन व्यापार और रणनीतिक मुद्दों पर भी सवाल उठाए.

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

गलवान मामले से जुड़े एक पुराने विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अंतरिम राहत दी है. 2020 में उनके बयान पर दायर मानहानि मामले में कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “जो बातें मीडिया में छपीं, अगर वह यह सब नहीं बोल सकते तो फिर विपक्ष के नेता नहीं हो सकते.” जस्टिस दत्ता ने पूछा, “आपको जो कुछ भी कहना है, वह संसद में क्यों नहीं कहते? आपको यह सब सोशल मीडिया पर कहने की क्या जरूरत है?” साथ ही, उन्होंने सवाल किया, “आपको कैसे पता कि भारत की दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन ने कब्जा ली? क्या आप वहां मौजूद थे? क्या आपके पास विश्वसनीय जानकारी है?”