56 km/hr की स्पीड... ब्रह्मोस और बराक मिसाइलों से लैस, दुश्मनों के काल INS Imphal की आज नौसेना में एंट्री
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारतीय नौसेना अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए INS इंफाल को कमीशन करने जा रही है. 26 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वदेश में निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को मुंबई के नौसेना डाकयार्ड के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
नई दिल्ली: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारतीय नौसेना अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए INS इंफाल को कमीशन करने जा रही है. 26 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वदेश में निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को मुंबई के नौसेना डाकयार्ड के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
नौसेना के बेड़े में शामिल होगा INS इंफाल
रक्षा मंत्री के कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा "भारतीय नौसेना मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में अपने नवीनतम स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर 'इम्फाल' को चालू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. कल, 26 दिसंबर को राजनाथ सिंह समारोह की शोभा बढ़ाएंगे."
निर्माण में स्वदेशी उपकरण का इस्तेमाल
पश्चिमी नौसेना कमांड के अधीन शामिल किया जा रहा आईएनएस इंफाल सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को बढ़ाएगा. इस वॉरशिप को बंदरगाह और समुद्र में टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था. इंफाल पहला युद्धपोत है जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है, जिसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल, 2019 को मंजूरी दी थी. इसके निर्माण में स्वदेशी स्टील DMR 249A का इस्तेमाल किया गया है, यानी इसका 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है.
कम वक्त में बनकर तैयार हुआ वॉरशिप इंफाल
इंफाल के बनाने और उसके टेस्टिंग में लगा समय किसी भी भारतीय डिस्ट्रॉयर वॉरशिप के बनने में लगा सबसे कम वक्त है. इम्फाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी, और जहाज को 20 अप्रैल, 2019 को पानी में उतारा गया था. इम्फाल 28 अप्रैल को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ, और बंदरगाह और बंदरगाह दोनों में परीक्षणों का एक व्यापक कार्यक्रम पूरा कर लिया है. छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी हो गई. इसके पहले भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 15B के तहत बने INS विशाखापट्टनम को 21 नवंबर 2021 और INS मरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को कमीशन किया गया था.