'नॉमैडिक एलिफेंट 2025' में दिखा इंडियन आर्मी का दम, भारत-मंगोलिया का बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू, दुश्मनों पर टूटेगा दोतरफा कहर
'नॉमैडिक एलिफेंट 2025' अभ्यास भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का प्रतीक है. यह साझा प्रयास ना केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग की भावना भी प्रगाढ़ हो रही है.

Indo Mongolia Relations: भारत और मंगोलिया के बीच 17वां साझा सैन्य अभ्यास 'नॉमैडिक एलिफेंट 2025' मंगोलिया की राजधानी उलानबातर में स्थित स्पेशल फोर्स ट्रेनिंग सेंटर में पूरे जोर-शोर से चल रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाना है, खासकर अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के तहत किए जाने वाले अभियानों के लिए.
अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों, सटीक निशानेबाजी (स्नाइपिंग) और अन्य रणनीतिक तकनीकों की जानकारी साझा कर रही हैं. इससे आपसी तालमेल बेहतर हो रहा है और दोनों सेनाएं जटिल हालात में एक साथ काम करने की क्षमता विकसित कर रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों की तैयारी
इस अभ्यास में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की नक़ल करते हुए विशेष ड्रिल कराई जा रही हैं, ताकि असल दुनिया की स्थितियों में जब बहुराष्ट्रीय सेनाओं को एक साथ काम करना पड़े, तब वे समन्वय के साथ काम कर सकें.
सांस्कृतिक मेल-मिलाप भी रहा खास आकर्षण
सैन्य अभ्यास के साथ-साथ दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे की सांस्कृतिक विरासत से भी परिचय प्राप्त किया. भारत और मंगोलिया के जवानों ने अपने-अपने पारंपरिक गीत, नृत्य और पहनावे का प्रदर्शन किया. इससे आपसी समझ और दोस्ती और मजबूत हुई.
भविष्य के लिए उपयोगी सबक
यह अभ्यास न सिर्फ सामरिक कौशल को निखार रहा है, बल्कि इससे मिलने वाले अनुभव भविष्य में होने वाले ऐसे संयुक्त अभियानों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे. इससे दोनों देशों की सेनाओं की तैयारियों को मजबूती मिल रही है और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता और गहरी हो रही है.
'नॉमैडिक एलिफेंट 2025' अभ्यास भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का प्रतीक है. यह साझा प्रयास ना केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग की भावना भी प्रगाढ़ हो रही है.