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Indian Air Force Day 2025: भारतीय वायुसेना का आजादी से पहले क्या नाम था? जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

Indian Air Force Day 2025: 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की नींव रखी गई थी. आजादी से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था. 1 अप्रैल 1933 को इसका पहला दस्ता बना जिसमें 6 प्रशिक्षित ऑफिसर और 19 वायुसैनिक शामिल थे.

@RahulGandhi
Reepu Kumari

Indian Air Force Day 2025: भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को पूरे देश में गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है. 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना हुई थी, और तब से लेकर आज तक यह बल भारत की सीमाओं की रक्षा, युद्ध के दौरान अदम्य साहस और शांति मिशनों में उल्लेखनीय योगदान देता आ रहा है. इस बार भारतीय वायुसेना अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है. गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर होने वाले शानदार परेड और एयर शो में वायुसेना की ताकत और शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलेगा.

भारतीय वायुसेना न सिर्फ दुश्मनों को मात देने की क्षमता रखती है, बल्कि आपदा प्रबंधन, राहत एवं बचाव कार्यों और विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना, भारत की शान और गौरव का प्रतीक है. एयरफोर्स डे पर पूरा देश वायुसेना के शौर्य, अनुशासन और त्याग को सलाम करता है.

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है ;'नभः स्पृशं दीप्तम्', जो गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है. इसका अर्थ है – 'दीप्तिमान होकर आकाश को स्पर्श करो.' यह संदेश वायुसेना के साहस, ऊंचाई और गौरव को दर्शाता है.

इतिहास और स्थापना

8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की नींव रखी गई थी. आजादी से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था. 1 अप्रैल 1933 को इसका पहला दस्ता बना जिसमें 6 प्रशिक्षित ऑफिसर और 19 वायुसैनिक शामिल थे. द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आजादी के बाद 'रॉयल' शब्द हटाकर इसे इंडियन एयरफोर्स कहा जाने लगा.

स्वतंत्र पहचान और पहला चीफ

शुरुआत में वायुसेना आर्मी के अधीन काम करती थी. लेकिन स्वतंत्र पहचान दिलाने का श्रेय पहले कमांडर-इन-चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू. एल्महर्स्ट को जाता है. वे 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक भारतीय वायुसेना के पहले चीफ बने रहे.

वायुसेना ध्वज

भारतीय वायुसेना का ध्वज नीले रंग का होता है. इसके बाईं ओर राष्ट्रीय ध्वज और बीच में तिरंगे से बना एक गोलाकार चिह्न होता है. इसे 1951 में अपनाया गया था, जो वायुसेना की स्वतंत्र पहचान और गौरव का प्रतीक है.

भारतीय वायुसेना का महत्व

भारतीय वायुसेना न केवल युद्ध में दुश्मनों का सामना करती है, बल्कि आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में भी आगे रहती है. चाहे ऑपरेशन राहत हो, ऑपरेशन सिंदूर या फिर विदेशों से भारतीयों की सुरक्षित वापसी—हर मौके पर वायुसेना ने अपनी दक्षता साबित की है. यही वजह है कि वायुसेना को केवल सेना का हिस्सा नहीं, बल्कि भारत की ताकत और सम्मान का आधार माना जाता है.