menu-icon
India Daily

'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत ने करतार कॉरिडोर अगले आदेश तक बंद, MEA ने किया ऐलान

Kartarpur Corridor suspension: भारत ने सुरक्षा चिंताओं के कारण करतारपुर कॉरिडोर की सेवाएं निलंबित कर दी हैं. सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है.

auth-image
Edited By: Anvi Shukla
kartarpur sahib corridor
Courtesy: social media

Kartarpur Corridor suspension: भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते सीमा तनाव और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सेवाएं अगली सूचना तक निलंबित कर दी हैं. शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस निर्णय की आधिकारिक पुष्टि की.

'वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए, करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सेवाएं अगले निर्देश तक निलंबित की जाती हैं,' – विदेश सचिव विक्रम मिस्री. पिछले कुछ समय से पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा (LoC) पर बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. इसके अलावा सीमा क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों और संदिग्ध घुसपैठ की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. इन सबको ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है.

श्रद्धालुओं के लिए एक झटका

यह निर्णय उन हजारों सिख श्रद्धालुओं के लिए बड़ा झटका है जो पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर के दर्शन करने हर वर्ष जाते हैं. यह कॉरिडोर उन्हें वीजा के बिना सीमित संख्या में तीर्थ यात्रा करने की सुविधा देता है. हालांकि पाकिस्तान की ओर से कॉरिडोर खुला रखने की बात कही गई है, लेकिन भारत से यात्रा अब संभव नहीं होगी जब तक सेवाएं पुनः शुरू नहीं की जातीं.

पांच साल पहले हुआ था ऐतिहासिक समझौता

24 अक्टूबर 2019 को भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था, जिसके तहत भारतीय तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब की यात्रा की अनुमति दी गई थी. यह समझौता पांच वर्षों के लिए वैध था, जिसे अक्टूबर 2024 में दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकृत किया था. भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम अस्थायी है और सुरक्षा स्थिति में सुधार के बाद इस पर पुनः विचार किया जाएगा. नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसी उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है.