पीएम मोदी की चाइना यात्रा से पहले रिश्तों में सुधार की कोशिश, भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें जल्द शुरू होंगी!
भारत और चीन के बीच करीब चार साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो सकती हैं. सितंबर में इस घोषणा की संभावना है, ठीक उसी समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) सम्मेलन के लिए चीन जाने वाले हैं. यह कदम कोविड-19 और 2020 की सीमा झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच बिगड़े रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में एक अहम संकेत माना जा रहा है.
कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बंद हैं. अब करीब चार साल बाद, दोनों देश इन उड़ानों को फिर से शुरू करने की तैयारी में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के साथ ही इस फैसले की औपचारिक घोषणा की संभावना है. इसे न केवल द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव की पृष्ठभूमि में भी अहम माना जा रहा है.
कोविड-19 महामारी के दौरान भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प ने रिश्तों को और भी खराब कर दिया. इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के भी चार सैनिकों की मौत हुई थी. इसके बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए, जिनमें चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध भी शामिल था. चीन ने इस प्रतिबंध को “भेदभावपूर्ण” करार देते हुए विश्व व्यापार संगठन में चुनौती देने की बात कही थी.
फिर से सामान्य रिश्तों की ओर कदम
पिछले महीने भारत ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा बहाल किया, जो 2020 के बाद पहली बार हुआ. इसके अलावा जनवरी में दोनों देशों ने सैद्धांतिक रूप से सीधी उड़ानें शुरू करने पर सहमति जताई थी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक में यह भी तय हुआ था कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा. पहले एयर इंडिया और इंडिगो जैसी भारतीय एयरलाइंस बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और कुनमिंग जैसे शहरों के लिए हफ्ते में कई उड़ानें चलाती थीं.
पीएम मोदी का अहम चीन दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन जा रहे हैं, जहां वह 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. इस दौरे के दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक की संभावना भी है. चीन ने इस दौरे का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि यह सम्मेलन "एकता, मित्रता और सकारात्मक परिणाम" लेकर आएगा और संगठन के विकास को नई दिशा देगा.
अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव के बीच भारत-चीन की नजदीकी
दिल्ली और बीजिंग के बीच बढ़ती नजदीकी ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगने वाले टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है, जिसकी वजह रूस से तेल खरीद बताई गई है. चीन ने भारत का खुलकर समर्थन किया और ट्रंप को “बदमाश” करार दिया. चीनी राजदूत ने चेतावनी दी कि “बदमाश को एक इंच दो, तो वह एक मील ले लेगा” और भारत को अमेरिका के दबाव में न झुकने की सलाह दी. इसी बीच, अमेरिका और चीन भी आपसी टैरिफ युद्ध में उलझे हुए हैं, हालांकि ट्रंप ने फिलहाल चीनी सामान पर प्रस्तावित शुल्क बढ़ोतरी को 90 दिनों के लिए टाल दिया है.
उड़ानों से बढ़ेगा लोगों का संपर्क
सीधी उड़ानों के बहाल होने से न केवल व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच लोगों का संपर्क भी फिर से मजबूत होगा. यह फैसला रिश्तों को पटरी पर लाने के साथ-साथ सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को भी नया आयाम दे सकता है.
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