पूर्व BJP विधायक के घर आयकर विभाग का छापा, घर से निकले कई मगरमच्छ और ये...'

राठौड़ के घर में एक निजी तालाब पाया गया, जिसमें तीन मगरमच्छ रखे गए थे. इसके अलावा छापे में आयकर विभाग ने 3 करोड़ रुपये नकद और भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण जब्त किए. इन आभूषणों की अनुमानित कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है.

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मध्य प्रदेश में आयकर विभाग ने सागर जिले में BJP एक पूर्व विधायक और पूर्व पार्षद के ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौड़ और उनके सहयोगी, पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के परिसरों में की गई. छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को नकदी, सोना-चांदी, और दस्तावेजों के साथ-साथ ऐसी चीजें मिलीं, जिसने जांच टीम को हैरान कर दिया.

राठौड़ के घर में एक निजी तालाब पाया गया, जिसमें तीन मगरमच्छ रखे गए थे.  इसके अलावा छापे में आयकर विभाग ने 3 करोड़ रुपये नकद और भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण जब्त किए. इन आभूषणों की अनुमानित कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है.

टैक्स चोरी का लगा आरोप

जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि दोनों के खिलाफ टैक्स चोरी का मामला सामने आया है. छानबीन में कुल 155 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला है. इस टैक्स चोरी में प्रमुख योगदान राजेश केशरवानी का बताया जा रहा है, जिन्होंने अकेले 140 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की. वह बीड़ी उद्योग और कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़े हुए थे.  

हरवंश सिंह राठौड़ के घर से आयकर विभाग ने न केवल नकदी और आभूषण जब्त किए, बल्कि कई बेनामी गाड़ियां भी बरामद कीं. विभाग को टैक्स चोरी से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिसमें तमाम तरह की जानकारियां शामिल हो सकती हैं. हालांकि, इसको लेकर अब तक कोई भी खुलासा जांच टीम की तरफ से नही किया गया है. 

सूत्रों के अनुसार, केशरवानी ने अपनी आय को छिपाने के लिए कई जाली कंपनियां बनाई थीं. निर्माण और बीड़ी कारोबार में भारी मुनाफा होने के बावजूद उन्होंने अपने आय विवरण में इसे शामिल नहीं किया.  आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों की गंभीरत से जांच की जा रही है. दोनों के खिलाफ कर चोरी के अलावा बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

रेस्क्यू के लिए बुलाई गई वन विभाग की टीम

बता दें कि घर के तालाब में मगरमच्छ मिलने के बाद रेस्क्यू के लिए वन विभाग की टीम के बुलाया गया है. इसी के साथ अब राठौड़ पर वन सुरक्षा अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

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