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'गुजराती हूं मराठी बोलना जरुरी क्यों...', राज ठाकरे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को पीटा

मनसे के मीरा-भायंदर जिला अध्यक्ष संतोष राणे ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, अगर कोई मराठी भाषा का अपमान करता है तो मनसे इसी तरह जवाब देगी. महाराष्ट्र में केवल मराठी बोलने की अनुमति है और आपको मराठी संस्कृति का पालन करना होगा, भले ही आप गुजराती या मारवाड़ी हों.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Marathi Raj Thackeray party workers beat up a shopkeeper
Courtesy: Social Media

मुंबई के मीरा रोड स्थित एक दुकानदार पर शनिवार शाम महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया , क्योंकि उसने कथित तौर पर मराठी में बात करने से इनकार कर दिया था. यह घटना कैमरे में कैद हो गई और अब वायरल हो गई है. वीडियो में तीन लोग मिठाई की दुकान में घुसते और मालिक से उसकी भाषा को लेकर बहस करते हुए दिखाई दे रहे हैं. जब दुकानदार से मराठी का इस्तेमाल न करने के बारे में पूछा गया तो उसने सफाई देते हुए कहा, मुझे नहीं पता था कि मराठी अनिवार्य है. किसी को मुझे सिखाना होगा. उनमें से एक ने उसे चेतावनी दी मार खाएगा? क्या तुम पिटना चाहते हो? इससे पहले कि बातचीत बढ़ती.

फिर लोगों ने पूछा कि वह किस राज्य में काम कर रहा है. दुकानदार ने जवाब दिया, महाराष्ट्र". एक ने पूछा, महाराष्ट्र में कौन सी भाषा बोली जाती है? दुकानदार ने जवाब दिया, यहां सभी भाषाएं बोली जाती हैं यह टिप्पणी हमलावरों को भड़काने वाली थी.

कुछ ही सेकंड में दो लोगों ने उसे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया  उनमें से एक ने उसे कई बार मारा, जिसमें उसके हाथ के पिछले हिस्से से भी मारा, जबकि दुकानदार जवाब देने में असमर्थ था. एक अन्य व्यक्ति को गाली देते हुए और दुकानदार को चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है कि उसे इस क्षेत्र में व्यवसाय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कश्मीरी पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत सात एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें अशांति फैलाने का आरोप भी शामिल है. मामले की जांच चल रही है.

मनसे के मीरा-भायंदर जिला अध्यक्ष संतोष राणे ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, अगर कोई मराठी भाषा का अपमान करता है तो मनसे इसी तरह जवाब देगी. महाराष्ट्र में केवल मराठी बोलने की अनुमति है और आपको मराठी संस्कृति का पालन करना होगा, भले ही आप गुजराती या मारवाड़ी हों.

राज ठाकरे की अगुआई वाली मनसे तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध करने में सबसे आगे रही है. पार्टी ने शनिवार को मुंबई में इस नीति के खिलाफ़ एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना भी बनाई थी, जिसके तहत महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी, अंग्रेज़ी और मराठी पढ़ाना अनिवार्य है. भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने घोषणा की कि राज्य ने नीति पर पहले के दो प्रस्तावों को वापस ले लिया है तथा मामले का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक नई समिति गठित की जाएगी.