लंबा नेता, बड़ी जीत... क्या सच में पॉलिटिक्स में हाइट करती है मैटर? जानें रिसर्च में क्या आया सामने

राजनीति में हाइट को लंबे समय से नेतृत्व और चुनावी सफलता से जोड़ा जाता रहा है. हालांकि आधुनिक दौर में कई नेता इस मिथक को तोड़ते हुए दिखते हैं.

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Km Jaya

नई दिल्ली: क्या राजनीति में नेताओं की हाइट उनका राजनीतिक भविष्य तय करती है. क्या कद केवल शरीर का माप है या नेतृत्व की छवि बनाने वाला एक प्रभावशाली फैक्टर. यह सवाल आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना सदियों पहले था. प्राचीन समय से लेकर आधुनिक लोकतंत्र तक हाइट को बार-बार नेतृत्व, सत्ता और जनता की धारणा से जोड़ा जाता रहा है. कई रिसर्च बताते हैं कि हाइट चुनावी नतीजों को अनजाने में प्रभावित करती है.

अमेरिका में हुए शोधों के अनुसार पिछले सौ सालों में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी से औसतन 1.5 इंच लंबा रहा है. इसे 'टॉलर विनर' सिद्धांत कहा जाता है. डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता तो हाइट को राजनीतिक हथियार तक बना चुके हैं. उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ 'लिटिल मार्को' और 'मिनी माइक' जैसे शब्दों का प्रयोग किया ताकि मतदाताओं के मन में यह छवि बैठ सके कि छोटा कद वाले नेता कम प्रभावी हो सकते हैं.

हाइट को लेकर क्या है प्रोपेगेंडा?

इतिहास में भी हाइट को लेकर प्रोपेगेंडा देखा गया है. नेपोलियन बोनापार्ट को ब्रिटिश कार्टूनिस्टों ने जानबूझकर छोटा और गुस्सैल दिखाया ताकि उनकी शक्ति, नेतृत्व और प्रभाव को कमजोर बताया जा सके. हिटलर के खिलाफ भी इसी तरह छोटे कद की छवि बनाई गई. हालांकि हाइट का प्रभाव केवल राजनीति तक सीमित नहीं है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऊंचे कद वाले व्यक्तियों को देखने पर दिमाग एक अवचेतन इम्प्रेशन बनाता है जो उन्हें अधिक शक्तिशाली मानने की प्रवृत्ति पैदा करता है.

क्या यह मतदाताओं की धारणा को करती है प्रभावित?

यही कारण है कि यूरोप और अमेरिका में अनेक शोधों में यह बात सामने आई कि लंबा उम्मीदवार बहस, मंच और सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिक प्रभावी दिखता है. पोलैंड और यूके में किए गए अध्ययनों में भी यही निष्कर्ष निकला कि हाइट मतदाताओं की धारणा को प्रभावित करती है. 

लेकिन दूसरी ओर कई आधुनिक नेता इस मिथक को तोड़ते भी नजर आते हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबाम, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और लंदन के मेयर सादिक खान जैसे नेता अपेक्षाकृत कम हाइट के बावजूद मजबूत वैश्विक पहचान रखते हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि कद निर्णायक फैक्टर नहीं है, इरादे और क्षमता ज्यादा मायने रखते हैं.

क्या खेल जगत  में भी है ऐसा?

खेल जगत में भी यही सिद्धांत देखने को मिलता है. दुनिया की महान जिमनास्ट सिमोन बाइल्स केवल 4 फुट 8 इंच की हैं लेकिन उपलब्धियों में उन्होंने दुनिया को पीछे छोड़ दिया.