Haryana Politics Live: हरियाणा में टूटा BJP-JJP गठबंधन, मनोहर लाल खट्टर ने दिया इस्तीफा, नायब सैनी होंगे अगले CM
Haryana Politics: हरियाणा में जारी बड़ी सियासी हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी और जनता जननायक पार्टी के बीच जारी गठबंधन टूट गया, तो मनोहर लाल खट्टर ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंप दिया. वहीं नायब सैनी राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे, वो शाम 5 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे.
Haryana Politics: हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले आज भाजपा-जजपा गठबंधन टूट गया. गठबंधन के टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने मुख्ममंत्री पद से, जबकि उनके साथ मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें नायब सैनी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुन लिया गया. इस दौरान भाजपा के दो पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा तरुण चुघ भी मौजूद रहे.
सूत्रों के मुताबिक, आज शाम पांच बजे ही नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो सकता है. नायब सैनी के अगले मुख्यमंत्री के रूप में घोषणा से पहले हरियाणा के पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर का दावा था कि मनोहर लाल खट्टर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.
राज्य की पूर्व की मनोहर लाल खट्टर की सरकार में भाजपा के 41, जजपा के 10, एक निर्दलीय और हलोपा के एक विधायक शामिल थे.अब जजपा के साथ गठबंधन के टूटने के बाद राज्य के 7 निर्दलीय विधायकों की मदद से भाजपा की नई सरकार बनने की पूरी संभावना है. खट्टर सरकार को पहले से ही एक निर्दलीय का समर्थन था. राज्य के 7 निर्दलीय विधायकों में धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन, गोपाल कांडा, राकेश दौलताबाद, सोमवीर सांगवान, रणजीत चौटाला, नयन पाल रावत शामिल है.
हरियाणा में नई सरकार के गठन की कवायद तेज
मुख्यमंत्री पद से मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नया नेता चुना जाएगा. फिर भाजपा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंपेगी. इसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन होगा.
क्या राज्य में होगा नेतृत्व परिवर्तन?
मनोहर लाल मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे के बाद नए सरकार का गठन होगा. मीडिया में ये भी खबरें हैं कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. यानी मनोहर लाल खट्टर की जगह किसी और नेता को राज्य की कमान सौंपी जा सकती है. दावा किया जा रहा है कि मनोहर लाल खट्टर राज्य की किसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
क्या है राज्य में सरकार बनाने के जादुई आंकड़ा
राज्य में दलीय स्थिति की बात करें, तो भाजपा के 41, जजपा के 10, कांग्रेस के 30 और इनेलो और हलोपा के एक-एक और 7 निर्दलीय विधायक हैं. राज्य में 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 46 का आंकड़ा जरूरी है. इस लिहाज से भाजपा नंबर गेम में पिछड़ी दिख रही है.
लेकिन सूत्रों का दावा है कि आज होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में 7 निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है.
इससे पहले निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने किया था ये दावा
इससे पहले हरियाणा के निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा था कि मैं कल मुख्यमंत्री से मिला था. हमने पहले ही सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन दे दिया है. हमने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि मुझे यह आभास हुआ कि राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने की शुरुआत हो चुकी है.
आखिर क्यों आई गठबंधन टूटने की नौबत?
फिलहाल, राज्य में भाजपा-जजपा के गठबंधन के टूटने की औपचारिक ऐलान तो नहीं किया गया है. लेकिन सवाल ये कि आखिर गठबंधन के टूटने की नौबत क्यों आई? इसके पीछे की वजह लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर आम सहमति न बन पाना है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब तक मनोहर मंत्रिमंडल में शामिल जजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए एक या दो सीट मांग रही थी, लेकिन भाजपा ने सीट देने से इनकार कर दिया. कहा जा रहा है कि भाजपा और जजपा गठबंधन में टूट का ये सबसे बड़ा कारण है.
एक दिन पहले ही जजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. कहा जा रहा है कि आज भी दुष्यंत चौटाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बातचीत करेंगे. इसके लिए दुष्यंत की ओर से अमित शाह से मिलने का समय मांगा गया है.
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