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क्या महाभियोग के जरिए हटाए गए पहले जज बनेंगे जस्टिस यशवंत वर्मा? बड़े एक्शन की तैयारी में सरकार

यदि संसद प्रस्ताव पारित करती है, तो राष्ट्रपति जज को हटाने का आदेश जारी करेंगे. यदि जस्टिस वर्मा हटाए गए, तो वे संवैधानिक कोर्ट से हटाए जाने वाले पहले जज होंगे.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
government may bring an impeachment motion against Justice Yashwant Verma in the monsoon session

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मानसून सत्र में दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति द्वारा उनके आवास पर नकदी मिलने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उठाया जा रहा है.

नकदी कांड और जांच
इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने पुष्टि की कि 14 मार्च को होली के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने के बाद वहां भारी मात्रा में नकदी पाई गई. 8 मई को, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी. सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा, “सीजेआई ने 3 मई की समिति की रिपोर्ट और जस्टिस यशवंत वर्मा के 6 मई के जवाब को संलग्न किया.”  सीजेआई खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

महाभियोग की प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति ने पूर्व सीजेआई की सिफारिश को राज्यसभा सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को भेजा है. संवैधानिक कोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए राज्यसभा में कम से कम 50 और लोकसभा में 100 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है. प्रस्ताव पास होने के लिए दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. यदि संसद प्रस्ताव पारित करती है, तो राष्ट्रपति जज को हटाने का आदेश जारी करेंगे. यदि जस्टिस वर्मा हटाए गए, तो वे संवैधानिक कोर्ट से हटाए जाने वाले पहले जज होंगे.

वर्मा के घर से मिला था भारी मात्रा में कैश
14 मार्च को होली के दौरान जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगी, जिसके बाद उनके परिवार ने आपातकालीन सेवाओं को बुलाया. आग बुझाने के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई. 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की समिति ने जस्टिस वर्मा, जो उस समय दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे, को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “स्थानांतरण का प्रस्ताव जांच प्रक्रिया से स्वतंत्र है.”

मानसून सत्र का एजेंडा
मानसून सत्र, जो जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है, में पाहलगाम आतंकी हमले और 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा होगी.