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Google AI Gemini on PM Modi: आखिर क्या है पीएम मोदी को लेकर Gemini विवाद, जानें सफाई में क्या बोली कंपनी

Google AI Gemini: गूगल का एआई टूल जेमिनी इस समय विवादों में है. दरअसल, जेमिनी ने पीएम मोदी पर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्हें फासीवाद का समर्थक बताया. इसे लेकर बवाल खड़ा हुआ तो गूगल को जवाब देना पड़ा.

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Google AI Gemini: गूगल के एआई टूल जेमिनी ने पीएम मोदी पर पूछे गए एक सवाल का गलत जवाब दिया. जवाब इतना गलत था कि भारत सरकार को गूगल को चेतावनी देनी पड़ी. अब गूगल ने पीएम मोदी को लेकर उसेक एआई टूल द्वारा दिए गए आपत्तिजनक उत्तर को लेकर जवाब दिया है. गूगल ने कहा कि उसने इस मुद्दे को सॉल्व करने के लिए तेजी से काम किया है. उसने यह माना कि वर्तमान घटनाओं और राजनीतिक विषयों के संबंध में चैटबोट के जवाब हमेशा विश्वसनीय नहीं हो सकते हैं.

बीते कल यानी 23 फरवरी को मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट फॉर आईटी राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर की पोस्ट शेयर करते हुए गूगल को वार्न करते हुए बताया कि किस नियम और कानून का उल्लंघन है.


उन्होंने गूगल को वार्न करते हुए लिखा- ये IT अधिनियम के मध्यस्थ नियमों के नियम 3(1)(बी) का सीधा उल्लंघन और आपराधिक संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन हैं.

यूजर ने पूछा सवाल तो मिला गलत जवाब

Arnab Ray नाम के एक एक्स यूजर ने जब गूगल के जेमिनी से सवाल किया क्या पीएम मोदी फासीवाद हैं? इसके जवाब में एआई टूल ने वर्तमान समय के बारे में बीजेपी और हिंदुत्व की चर्चा करते हुए पीएम मोदी को फासीवाद बताया. वहीं, जब यूजर ने जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में यही सवाल पूछा तो एआई टूल ने उन्हें फासीवाद नहीं बताया.


Arnab Ray ने इन जवाबों का स्क्रीनशॉट लेते हुए एक्स पर लिखा कि यह देखने लायक है कि गूगल ने अपने एआई टूल जेमिनी को किस तरह ट्रेन किया है. जो देश अमेरिका के सहयोगी नहीं है उन्हें कैसे जवाब देना है और जो देश अमेरिका के सहयोगी है उन्हें कैसे जवाब देना है.

इसी पोस्ट को शेयर करते हुए मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गूगल को वार्न करते हुए बताया की ये क्रिमिनल कोड का उल्लंघन है.

गूगल ने जवाब में क्या कहा?

गूगल की ओर से जवाब में कहा गया कि उसने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तेजी से काम किया है. एआई टूल जेमिनी को क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी के लिए बनाया गया है और इस पर हमेशा विश्वास नहीं किया जा सकता है. अधिकतर उस समय इसके जवाबों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है जब मामला वर्तमान समय और राजनीतिक विषयों से जुड़ा हुआ हो.

गूगल के स्पोकपर्सन ने ईमेल में कहा कि हम जेमिनी को और भी अच्छा बनाने पर काम कर रहे हैं.