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मणिपुर में फिर दहशत की रात, तोरबंग में गोलीबारी से बढ़ा तनाव; एक शख्स घायल

मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं. बिष्णुपुर और चूड़ाचांदपुर जिले की सीमा से सटे तोरबंग इलाके में मंगलवार रात गोलीबारी की घटना सामने आई है.

@DDNewslive
Reepu Kumari

जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिशों के बीच एक बार फिर हिंसा की खबर ने चिंता बढ़ा दी है. बिष्णुपुर और चूड़ाचांदपुर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में हुई गोलीबारी ने लोगों के मन में पुराने डर को फिर से जगा दिया है.

सरकार की पहल पर विस्थापित परिवारों की वापसी शुरू हुई थी, लेकिन इसी दौरान हुई इस घटना ने हालात को संवेदनशील बना दिया है. प्रशासन अब पूरे मामले की जांच में जुटा हुआ है.

सीमावर्ती इलाकों में अचानक शुरू हुई फायरिंग

अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात करीब 8:30 बजे चूड़ाचांदपुर जिले की सीमा से सटे तोरबंग और फौगाकचाओ इखाई इलाकों के पास कई राउंड गोलियां चलाई गईं. बताया गया कि चूड़ाचांदपुर की ओर से आए कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तोरबंग गांव को निशाना बनाया. सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई.

गोलीबारी के साथ बमों का भी इस्तेमाल

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, फायरिंग के दौरान हथियारबंद बदमाशों ने बम भी फेंके. यह पूरी घटना करीब 20 मिनट तक चली. पहाड़ी इलाकों के पास हुई इस ताजा हिंसा से आसपास के गांवों में अफरा-तफरी मच गई. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए और कई परिवारों ने रात दहशत में गुजारी.

हमले में एक नागरिक हुआ घायल

इस गोलीबारी की घटना में एक नागरिक के घायल होने की पुष्टि हुई है. हालांकि, घायल व्यक्ति की पहचान अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. अधिकारियों का कहना है कि घायल को इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है. प्रशासन यह भी जांच कर रहा है कि हमलावरों का मकसद क्या था और उन्होंने किस योजना के तहत हमला किया.

विस्थापितों की वापसी के बाद बिगड़े हालात

स्थानीय लोगों के अनुसार, सरकार के निर्देश पर करीब 67 परिवारों के 389 विस्थापित लोगों को हाल ही में तोरबंग में फिर से बसाया गया था. इसी के बाद यह घटना सामने आई है. इससे पहले भी वापसी को लेकर इलाके में तनाव की आशंका जताई जा रही थी, जो अब खुलकर सामने आ गई है.

पुरानी हिंसा की यादें फिर ताजा

गौरतलब है कि मणिपुर में 2023 की हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान गई थी और 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे. हालात काबू में करने के लिए 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है. सरकार की ओर से पुनर्वास की कोशिशें जारी हैं, लेकिन ताजा घटना ने शांति बहाली की चुनौती को और मुश्किल बना दिया है.