पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन, कांग्रेस में शोक की लहर
कानपुर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का लंबी अस्वस्थता के बाद निधन हो गया. अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके निधन से कानपुर की राजनीति में शोक व्याप्त है.
कांग्रेस के कद्दावर नेता और कानपुर की राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा रहे श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार को निधन हो गया.
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे जायसवाल की अचानक हालत बिगड़ने पर उन्हें पहले नर्सिंग होम और फिर कार्डियोलॉजी रेफर किया गया, जहां उनका देहांत हो गया. उनके जाने से न केवल कांग्रेस, बल्कि पूरे कानपुर में शोक की लहर दौड़ गई है. तीन बार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री के रूप में उनकी भूमिका आज भी लोगों की यादों में दर्ज है.
कानपुर में अचानक बिगड़ी तबीयत
शुक्रवार सुबह उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. परिजन उन्हें किदवई नगर स्थित एक नर्सिंग होम लेकर पहुंचे, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण डॉक्टरों ने तुरंत उन्हें कार्डियोलॉजी भेज दिया. वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. यह खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक वर्ग में दुख की लहर दौड़ पड़ी.
कांग्रेस नेताओं ने दी पुष्टि
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता और ग्रामीण अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने उनके निधन की पुष्टि की. दोनों नेताओं ने बताया कि जायसवाल लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने ने सभी को स्तब्ध कर दिया. पार्टी नेताओं ने उनके किए गए कामों और सादगीपूर्ण स्वभाव को याद करते हुए गहरा शोक जताया.
कानपुर की राजनीति का बड़ा चेहरा
श्रीप्रकाश जायसवाल ने 1999, 2004 और 2009 में कानपुर लोकसभा सीट से लगातार जीत दर्ज की. तीन बार सांसद बनकर उन्होंने क्षेत्र की राजनीति में कांग्रेस को मजबूत आधार दिया. कानपुर में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वर्षों तक शहर की राजनीति में कांग्रेस को पहचान दिलाई.
केंद्रीय मंत्री के रूप में निभाई अहम भूमिका
मनमोहन सिंह सरकार में उन्हें कोयला मंत्री का महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा गया, जिसे उन्होंने 2011 से 2014 तक संभाला. केंद्रीय कैबिनेट में रहते हुए उन्होंने कई नीतिगत फैसलों में सक्रिय भूमिका निभाई. राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है.
कानपुर के लिए अपूरणीय क्षति
उनके निधन ने शहर की राजनीति में एक खालीपन पैदा कर दिया है. स्थानीय नेताओं का कहना है कि जायसवाल का अनुभव, सरल व्यक्तित्व और जनता से निकटता उन्हें अलग पहचान देती थी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए वे हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहे. कानपुर के लोग उन्हें एक सहज, मिलनसार और विकासप्रिय नेता के रूप में याद कर रहे हैं.
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