'अब बर्दाश्त नहीं होगा आतंकवाद!' अमेरिका में गरजे जयशंकर, दुनिया को दिखाई नई राह

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जीरो टॉलरेंस यानी बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं दिखानी चाहिए. उन्होंने यह बात वॉशिंगटन डीसी में होने वाली क्वाड बैठक से पहले कही. उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए दोहराया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है और परमाणु ब्लैकमेलिंग की नीति अब नहीं चलेगी.

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Kuldeep Sharma

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका दौरे के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को स्पष्ट रूप से रखा. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरी दुनिया आतंकवाद को लेकर एक सख्त और स्पष्ट रुख अपनाए. जयशंकर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर करारा जवाब दिया है.

एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने अब आतंकवाद के प्रति ‘न्यू नॉर्मल’ स्थापित कर दिया है, जहां आतंकवादी हमलों का जवाब सीमा पार जाकर दिया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए. ये हमले जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के ढांचों पर केंद्रित थे.

'परमाणु ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी'

जयशंकर ने यह भी साफ किया कि अब भारत किसी तरह की परमाणु धमकी से नहीं डरेगा. उन्होंने न्यूयॉर्क में न्यूजवीक के सीईओ के साथ बातचीत के दौरान कहा, “अब हम परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे झुकने वाले नहीं हैं. अगर कोई आतंकी हमला करता है, तो हम उस पर जवाबी कार्रवाई करेंगे. अब आतंकवादियों को कोई छूट नहीं मिलेगी, चाहे वे प्रॉक्सी हों या प्रत्यक्ष रूप से शामिल हों.”

पाकिस्तान को मिला मुंहतोड़ जवाब

भारत द्वारा की गई सटीक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी 8 से 10 मई तक भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले किए थे. इसके बाद भारतीय सेना ने और भी तीव्र जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान के वायु रक्षा तंत्र, रडार प्रणाली और नियंत्रण केंद्रों को निशाना बनाया गया. चार दिन की भारी गोलीबारी के बाद 10 मई को पाकिस्तान की तरफ से सीज़फायर की पेशकश की गई, जिसे भारत ने रणनीतिक रूप से स्वीकार किया. इसके बाद से भारत ने दुनिया को यह संदेश दे दिया कि आतंकवाद के खिलाफ अब उसकी नीति में कोई नरमी नहीं होगी.