किसान आंदोलन को मिलेगी धार! 22 फरवरी को मंथन, केंद्र पर जमकर बरसे जगतार सिंह बाजवा
Kisan Andolan: कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के कारण एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. किसानों ने इन दिनों शंभू-खनौरी बॉर्डर पर अपना डेरा डाल रखा है. इसी बीच खबर है कि आंदोलन को आगे की रूपरेखा तैयार करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 22 फरवरी को चंडीगढ़ में एक अहम बैठक बुलाई है.
Kisan Andolan: देश भर के किसानों के बीच एक बार फिर आक्रोश देखने को मिल रहा है. कई राज्यों के किसान एक बार फिर आंदोलन करने के लिए लामबंद नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार आंदोलन को लेकर पंजाब, हरियाणा के बाद अब यूपी, उत्तराखंड के किसान भी सक्रिय नजर आ रहे हैं. इसी बीच खबर है कि आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 22 फरवरी को एक अहम बैठक बुलाई है.
जगतार सिंह बाजवा का केंद्र पर हमला
इसी बीच जगतार सिंह बाजवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को तीनों कृषि कानून की वापसी के साथ-साथ एमएसपी गारंटी कानून, किसानों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने, बिजली बिल सहित अन्य कई मुद्दों के समाधान करने को लेकर आश्वासन दिया था लेकिन सरकार के वादाखिलाफी के कारण देश के किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर है.
22 फरवरी को SKM की बैठक
किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों की हालात को देखते हुए 22 फरवरी को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक बुलाई है. उन्होंने आगे कहा कि इस बैठक में देशभर के किसान संगठन शामिल होंगे और विचार विमर्श के बाद आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
सरकार की कार्रवाई बेहद निंदनीय
जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि देश के किसान इन दिनों शंभू-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार उन पर तानाशाही पूर्ण कार्रवाई कर रही है. सरकार की ओर से किसानों पर की जा रही कार्रवाई को बेहद निंदनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की सभी मांग पर देशभर के किसान मजदूर संगठनों की सहमति है लेकिन आंदोलन को आगे किस रूप से सक्रिय रखा जाएगा इस बात पर संयुक्त मोर्चा की बैठक में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक में रणनीति बनने के बाद ही दिल्ली कूच की तैयारी की जाएगी.